समतल पैरों (Flat foot) वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की अनुमति क्यों नहीं है? Why are people with flat feet not allowed to join the army?

समतल पैरों वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की अनुमति क्यों नहीं है? Why are people with flat feet not allowed to join the army?

दुनिया का हर युवा देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती होने का सपना देखता है. इसके लिए वह कठोर प्रशिक्षण लेने से भी नहीं हिचकिचाते. लेकिन ऐसी क्या खास बात है कि सेना खुद ही समतल पैरों (Flat feet) वाले लोगों की भर्ती नहीं करती है?

सपाट पैर (Flat feet) वाले लोगों को सेना में भर्ती क्यों नहीं किया जाता है?

जैसा कि ज्ञात है कि भारतीय सेना (Indian Army) भारत का गौरव है और कई युवाओं का सेना में शामिल होने का सपना होता है लेकिन यह सभी के लिए इतना आसान नहीं होता है.

अगर आप सेना में भर्ती होना चाहते हैं तो इसके कुछ नियम हैं जिनमें योग्यता रखने वाला ही आगे का सफर पूरा कर सकता है. इसमें आपका कद, वजन और आपका शारीरिक स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है और इसके अलावा भी कई मापदंड (Criteria) हैं.

इन महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक यह है कि अगर आप सेना में शामिल होना चाहते हैं तो आपके समतल पैर नहीं होना चाहिए.

इस नियम को स्पष्ट रूप से जानने के लिए हमें सबसे पहले Normal feet और Flat feet के बारे में जानना होगा.

पैर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. इनमें से पहला है सामान्य पैर (Normal foot), जिसमें पैर के तलवे के साथ एक घुमाव होता है. दूसरा है समतल पैर (Flat foot), जिसमें तलवों से घूमने की बजाय वह पूरी तरह से समतल होता है.

समतल पैरों वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की अनुमति क्यों नहीं है? Why are people with flat feet not allowed to join the army?
सपाट पैर (Flat feet) वाले लोगों को सेना में भर्ती क्यों नहीं किया जाता है?

जैसा कि आप ऊपर दिखाए गए इमेज में देख सकते हैं. जब आप अपने पैरों को जमीन पर रखते हैं, तो आपके तलवे और एड़ी जमीन को छूते हैं और तलवों और एड़ी के बीच पैर का कुछ हिस्सा जमीन को नहीं छूता है और एक आर्च (Arch) बनाता है, तो इन्हें Normal foot या सामान्य पैर कहते है.

दूसरी ओर, जो पैर जमीन पर आर्च नहीं बनाते हैं उन्हें सपाट पैर (Flat foot) कहा जाता है.

सपाट पैर होने से क्या समस्या होती है? What are the problems with having flat feet?  

सपाट पैर होने के कारण पैर अधिक भार सहन करने में असमर्थ हो जाता है, जबकि सामान्य पैर में पैरों के उठे हुए तलवे स्प्रिंग (Spring) का काम करते हैं.

ऐसे में व्यक्ति तेज दौड़ सकता है और लंबे समय तक अपने पैरों पर वजन दे सकता है. लेकिन फ्लैट फुट / सपाट पैर वालों को इसमें काफी दिक्कत होती है.

जब हम दौड़ते हैं तो हम अपने पैरों के पंजों का प्रयोग करते हैं और दौड़ते समय हमारे पैर धरती के संपर्क में आ जाते हैं, ऐसे में धरती से झटके उत्पन्न होने लगते हैं और ये झटके एड़ियों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं.

वहीं अगर आपके पैर सपाट हैं तो इन झटकों का असर पूरे पैर पर पड़ता है और ये झटके सीधे पैर की हड्डियों और कमर तक जाते हैं और इन झटकों के कारण आपको पैर या पैर की हड्डी और कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है.

सेना के लिए दैनिक गतिविधियों में लगभग 10 से 20 किलोमीटर का मार्च करना और दौड़ने, कूदने जैसी गीतविधिया सामान्य बात है और सपाट पैरों वाले लोग इन गतिविधियों को नहीं कर पाते हैं.

प्रशिक्षण या ड्यूटी के दौरान सेना के जवानों को कई उबड़-खाबड़, पथरीले या दुर्गम स्थानों पर जाना पड़ सकता है. ऐसे में समतल पैर वालो को Spinal damage होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है और सरकार कभी नहीं चाहेगी कि आपको ड्यूटी और ट्रेनिंग के दौरान किसी तरह की चोट लगे और आपको Disability pension देकर घर भेज दिया जाए.

यह नियम सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि दुनिया के हर देश की Defence system अपनी सेना में आने वाले उम्मीदवार के पैरों की जांच करती है कि वह समतल पैर (Flat feet) वाले है या सामान्य पैर (Normal foot) वाले है, ताकि सैनिक को सैन्य सेवा देने में कोई भी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना न करना पड़े.

तो अब आप समझ ही गए होंगे कि समतल पैर यानि की Flat feet वालों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता है.

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