Essay On Nag Panchami In Hindi – नाग पंचमी पर छोटे-बड़े निबंध हिंदी में | नाग पंचमी पर 10 लाइन हिंदी में (Short and big essay on Nag Panchami in Hindi. 10 lines on Nag Panchami in Hindi) | नाग पंचमी पर्व क्यों मनाया जाता है? Why is Nag Panchami celebrated?
सृष्टि अपने आप में अनुशासित है अर्थात प्रकृति सभी प्राणियों और पर्यावरणीय तत्वों में संतुलन बनाए रखती है। यह संतुलन योजनाबद्ध तरीके से तब तक कायम रहता है जब तक मनुष्य अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए इसमें आवश्यकता से अधिक हस्तक्षेप नहीं करता है।
इस संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने हमारी संस्कृति को इस प्रकार विकसित किया कि प्रकृति का संतुलन बना रहे और मनुष्य अपना वर्चस्व भी बनाए रखे।
भारतीय संस्कृति में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए धार्मिकता का आधार लेते हुए सभी जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों को सम्मान देने की परंपरा विकसित की गई है। यह परंपरा हमारे तीज-त्योहारों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जिनमें से एक है “नाग पंचमी” का त्यौहार।
आज के लेख में हम नाग पंचमी पर हिंदी में छोटे-बड़े निबंध (Nag Panchami Essay In Hindi) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन में उपयोगी साबित होंगे।
नाग पंचमी पर निबंध – 1 (300 शब्दों में)
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही कई त्योहार मनाने की प्रथा रही है, जिनमें से एक है “नाग पंचमी” जिसमें प्राचीन काल से ही नागों को विशेष महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सांप को अपने गले में माला की तरह धारण करते हैं, मान्यताओं के अनुसार सांप भगवान शिव को बहुत प्रिय है।
वैसे तो नाग पंचमी सभी प्रकार के सांपों के लिए मनाई जाती है, लेकिन भारत में नाग यानी ब्लैक इंडियन कोबरा को सांपों का राजा मानकर अधिक महत्व दिया जाता है।
हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। पूरे सावन महीने में लोग पूरी तरह से भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और सावन महीने के बीच में नाग पंचमी विशेष उत्सव के रूप में मनाई जाती है। नाग पंचमी में भगवान शिव के शिवलिंग और उनके गले में हमेशा लिपटे रहने वाले सांप का विशेष महत्व होता है।
सावन महीने के पंचमी तिथि को “नाग पंचमी” के रूप में मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है और इस दिन सांपों का दर्शन करना शुभ फलदायी माना जाता है।
नाग पंचमी के दिन सांप का दिखना बहुत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इस दिन सांप की पूजा करने से सांप के काटने का डर नहीं रहता है और नाग देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं।
वर्तमान समय में इंसान अपनी इंसानियत को भूलकर देवता माने जाने वाले सांपों की तस्करी और उनकी खाल, जहर आदि की तस्करी जैसे काम करने लगा है, जिससे न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है, बल्कि सांपों की प्रजाति पर भी असर पड़ता है।
यही कारण है कि सरकारों ने अब किसी भी तरह के सांपों को पकड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, यहां तक कि अब सरकार ने सपेरों पर भी कई नियम लागू कर दिए हैं ताकि सांपों की लुप्त होती प्रजातियों को बचाया जा सके।
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नाग पंचमी पर निबंध – 2 (500 शब्दों में)
प्रस्तावना:
नाग पंचमी हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है जिसे पूरे भारत में बड़ी आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही सांप हमारी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इस दिन नाग धारण करने वाले भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है। नागों को शक्ति और सूर्य का अवतार भी माना जाता है।
नाग पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है?
हमारी संस्कृति में कई अन्य पशु-पक्षियों को भी पूजनीय माना गया है और सर्प पूजा भी प्राचीन काल से ही चली आ रही है। इसी प्रकार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है, इसलिए यह “नाग पंचमी” के नाम से प्रसिद्ध है। सांपों को समर्पित इस दिन सांपों का दर्शन होना शुभ माना जाता है।
नाग पंचमी मनाने के पीछे एक पौराणिक कहानी बताई जाती है। कहानी के अनुसार, एक गांव में लीलाधर नाम का एक किसान रहता था जिसके परिवार में उसकी पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी थी। उस किसान के जीवन जीने का एकमात्र सहारा खेती ही थी।
एक दिन सुबह किसान अपने बैलों पर हल बांधकर खेत की जुताई कर रहा था, इसी बीच उसके हल से जमीन जोतते समय एक सांप का बच्चा मर गया। और जब यह बात नागिन को पता चली तो उसने क्रोधित होकर किसान और उसके परिवार को मारने की ठान ली।
उसी रात नागिन किसान के घर जाती है और किसान, उसकी पत्नी और उसके तीन बेटों को डसकर मार देती है। लेकिन वह किसान की बेटी को जीवित छोड़ देती है और अगले दिन अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए उस लड़की के पास पहुंचती है। तब उस किसान की बेटी नागिन का इंतजार कर रही होती है और नागिन के स्वागत के लिए वह नागिन को कच्चा दूध और दूध-चावल की खीर चढ़ाती है।
किसान की बेटी नाग माता के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है और अपने पिता की भूलवश गलती के लिए माफी मांगती है। इस प्रकार किसान की बेटी के विनम्र व्यवहार से नागमाता प्रसन्न हो जाती है, नागमाता को किसान पर दया आ जाती है और वह उस किसान और उसके परिवार को पुनः जीवित कर देती है।
इसके अलावा नागमाता लड़की को यह भी आशीर्वाद देती हैं कि जो महिलाएं श्रावण शुक्ल पंचमी को नागों की पूजा करेंगी उनकी कई पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी और इसी प्रकार नाग पंचमी की भी शुरुआत मानी जाती है।
कैसे मनाएं नाग पंचमी?
इस दिन सुबह के समय सुगंधित उबटन से स्नान करके साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनकर चांदी के नाग की पूजा की जाती है। घर के मुख्य द्वार पर सांप का चित्र बनाकर उसकी पूजा की जाती है। नागदेव की पूजा सुगंधित पुष्प, कमल और चंदन से ही करनी चाहिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है।
इस दिन नाग देवता को खीर का भोग लगाया जाता है, जिसके बाद इस खीर को घर के सभी लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
निष्कर्ष:
नाग पंचमी के इस पावन पर्व पर हमें नागों, सर्प की प्रजाति को बचाने का संकल्प लेना चाहिए। यह संकल्प लेकर इस पर्व को मनाने की पहल करनी चाहिए कि हम ऐसे किसी भी उत्पाद का उपयोग नहीं करेंगे जिसमें सांप की खाल का उपयोग किया गया हो।
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नाग पंचमी पर निबंध – 3 (700 शब्दों में)
प्रस्तावना:
हिंदू कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार सांप भगवान का रूप होता है इसलिए इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से सांप की पूजा करते हैं। सनातन धर्म में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जो लोग नाग की पूजा करते हैं उन्हें सांप कभी नुकसान नहीं पहुंचाते और उनकी सांप के काटने से कभी मृत्यु नहीं होती।
नाग पंचमी व्रत पूजा एवं विधि:
वैसे तो सावन का महीना हिंदू समुदाय में बहुत ही शुभ माना जाता है और यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। सावन के पूरे महीने भक्त पूरी तरह से भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और इस महीने में नाग पंचमी का विशेष त्योहार भी मनाया जाता है। नाग पंचमी में भगवान शिव के शिवलिंग और उनके गले में हमेशा लिपटे रहने वाले सांप का विशेष महत्व होता है।
नाग पंचमी के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, फिर स्नान करने के बाद घर के मुख्य दरवाजे और बाहरी दीवारों पर सांप की आकृति बनाते हैं और मुख्य द्वार के सामने रंग-बिरंगी रंगोली बनाते हैं, ऐसा करना शुभ माना जाता है।
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार नागों को देवताओं की श्रेणी में विराजमान किया गया है। इस दिन सुबह लोग मंदिर जाते हैं और नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल से अभिषेक करते हैं और उन्हें कच्चा दूध, चावल और दूध से बनी मीठी खीर का भोग लगाते हैं। नाग देवता की पूजा के लिए सुगंधित फूल और चंदन का प्रयोग विशेष रूप से पूजा में किया जाता है।
मंदिर में पुजारी नाग देवता की पूजा के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं और आठ अलग-अलग नाग देवताओं की पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार नाग देवता घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है, इसके अलावा वह घर की लक्ष्मी की भी रक्षा करते हैं।
नाग पंचमी की कथा:
पुराणों में नाग पंचमी से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं जिनका अपना-अपना महत्व है, ऐसी ही एक कथा के बारे में हम विस्तार से जानते हैं। एक शहर में एक व्यापारी रहता था, उसके सात बेटे थे, उन सातों बेटों की शादी हो चुकी थी, उन सात बहुओं में सबसे छोटी बहु विदुषी, सुशील और अच्छे चरित्र वाली महिला थी।
एक दिन बड़ी बहू ने सभी बहुओं से कहा कि घर लीपने के लिए पीली मिट्टी की जरूरत है। इसलिए हम सब बाहर जाते हैं और खेतों से पीली मिट्टी ले आते हैं। फिर सभी बहुएँ कुदाल और खुरपी लेकर एक साथ खेतों की ओर चल दीं। जब वे बहुएं मिट्टी खोद रही थीं तो अचानक पेड़ के पास से एक काला लंबा चौड़ा सांप निकल आया।
इतने बड़े सांप को सामने देखकर सभी महिलाएं पूरी तरह से डर गईं। तब बड़ी बहू ने सांप को खुरपी से मारना चाहा लेकिन छोटी बहू ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसने कहा कि सांप को नहीं मारना चाहिए, वह निर्दोष है। यह सुनकर बड़ी बहू को छोटी बहू पर गुस्सा आया, फिर भी छोटी बहू के कहे अनुसार उस सांप को किसी ने नहीं मारा।
तब छोटी बहू ने सर्प के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हे सर्प देवता, आप यहीं रुकें, मैं घर जाकर आपके लिए दूध ले आती हूं। फिर वहां से सभी बहुएं अपने घर चली गईं। जब वह घर गई तो छोटी बहू घर के कामों में इतनी व्यस्त हो गई कि उसे याद ही नहीं रहा कि उसने सांप को वहीं इंतजार करने के लिए कहा है।
लेकिन जब उसे अगले दिन यह बात याद आई तो वह दूध लेकर खेत की ओर भागी और देखा कि सांप अभी भी वहीं उसका इंतजार कर रहा था। फिर उसने सांप से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी और कटोरे में दूध अर्पित किया। तब सर्प ने उसे क्षमा कर दिया और कहा कि कल तुमने मेरी जान बचाई थी इसलिये मैं तुम्हें अपनी बहन मानता हूं।
निष्कर्ष:
नाग पंचमी का त्योहार भारत समेत नेपाल में सभी हिंदू मनाते हैं। यह हिंदू कैलेंडर के श्रावण माह के 5वें दिन मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई/अगस्त के महीने में आता है।
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नाग पंचमी पर 10 वाक्य हिंदी में (10 Lines on Nag Panchami in Hindi)
- नाग पंचमी सर्प को समर्पित हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है।
- सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार नागों को देवताओं की श्रेणी में विराजमान किया गया है।
- ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को सांप बहुत प्रिय हैं, इसीलिए भगवान शिव के पवित्र महीने सावन के पांचवें दिन नाग पंचमी मनाई जाती है।
- नाग पंचमी के दिन लोग अपने घरों के बाहर सांपों के चित्र बनाते हैं और रंगोली बनाते हैं।
- लोग मंदिरों में नाग देवता और शिवलिंग को दूध और जल से स्नान कराकर प्रसाद में खीर चढ़ाते हैं।
- नाग पंचमी में ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और आठ अलग-अलग नाग देवताओं की पूजा की जाती है।
- ऐसा कहा जाता है कि नाग देवता को कच्चा दूध और सुगंधित चंदन बहुत पसंद है।
- नाग पंचमी व्रत में लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं, व्रत करने वाले अधिकतर लोग सपेरे होते हैं।
- अंत में पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा करके नाग पंचमी की कहानी सुनी जाती है और व्रत खोलने के बाद नाश्ता किया जाता है।
- ऐसी भी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने से सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है।
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