एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Ek to chori upar se seena jori Muhavara)

Ek to chori upar se seena jori Muhavare Ka Matlab

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी का अर्थ – Ek to chori upar se seena jori Muhavare Ka Matlab

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी मुहावरे का अर्थकोई अपराध करके खुद को अपराधी न मानना और उल्टे रौब दिखाना
Ek to chori upar se seena jori

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी मुहावरे का अर्थ

Ek to chori upar se seena jori Muhavre Ka Arth – एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी मुहावरे का अर्थ है कोई अपराध करके खुद को अपराधी न मानना और उल्टे रौब दिखाना।

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Ek to chori upar se seena jori Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: कालू ने दुकान से एक घड़ी चुरा ली और पकडे जाने पर वह दूसरे ग्राहक पर झूठा आरोप लगाने लगा, इसे कहते एक तो चोरी ऊपर से सीना-जोरी।

#2. वाक्य प्रयोग: देखा जाए तो बबन आज देर से स्कूल पहुंचा और जब उसके टीचर ने उससे पूछा तो वह उनसे बहस करने लगा, यह तो वही बात हो गयी एक तो चोरी और दूसरा सीना-जोरी।

#3. वाक्य प्रयोग: गौतम परीक्षा में नकल कर रहा था और जब उसके शिक्षक ने उसे पकड़ा तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा और खुद को निर्दोष बताने लगा, ऐसे में कहा जाता है कि एक तो चोरी और दूसरा सीना-जोरी।

#4. वाक्य प्रयोग: मुकुंद ने अपने छोटे भाई को एक छोटी सी गलती पर थप्पड़ मार दिया और जब उसकी माँ ने उसे डांटा तो उसने अपनी गलती भी नहीं मानी, इसे कहते हैं एक तो चोरी दूसरा सीना-जोरी।

#5. वाक्य प्रयोग: मोहन ने कॉलोनी का गेट तोड़ दिया और ऊपर से पैसे देने से मना कर रहा है, ये तो वही बात हो गई कि एक तो चोरी ऊपर से सीना-जोरी।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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