एफिल टॉवर के बारे में इतिहास और तथ्य हिंदी में | History and facts about the Eiffel Tower in Hindi

Interesting facts about the Eiffel Tower in Hindi | एफिल टॉवर के बारे में रोचक तथ्य

Eiffel Tower in Hindi – 130 वर्षों से, एफिल टॉवर (Eiffel Tower) पेरिस (Paris) शहर का एक शक्तिशाली और विशिष्ट प्रतीक रहा है, और यह दुनिया भर में फ्रांस (France) का गौरव भी बढ़ा रहा है.

सबसे पहले, जब इसे 1889 के विश्व मेले के लिए बनाया गया था, तो इसने अपने ऊंचाई और अद्भुत डिजाइन से पूरी दुनिया को प्रभावित किया, और यह फ्रांसीसी ज्ञान और औद्योगिक प्रतिभा का प्रतीक था, जिसने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी.

इस बेमिसाल कारीगरी को देखने के लिए हर साल दुनिया भर से लाखों लोग पेरिस आते हैं.

एफिल टॉवर का संक्षिप्त इतिहास – Brief History of the Eiffel Tower

1889 में फ्रांसीसी क्रांति की शताब्दी महोत्सव के अवसर पर, एक भव्यदिव्य और देदीप्यमान वैश्विक मेले का आयोजन किया गया था. सरकार इस मेले के प्रवेश द्वार के रूप में एक टावर बनाना चाहती थी. 

इस टावर के निर्माण के लिए फ्रांस की सरकार की तीन मुख्य शर्तें थीं-

  1. टावर की ऊंचाई 300 मीटर होनी चाहिए
  2. टावर लोहे का होना चाहिए
  3. टावर के चार मुख्य खंभों के बीच की दूरी 125 मीटर होनी चाहिए

फ्रेंको-स्विस स्ट्रक्चरल इंजीनियर मौरिस कोचलिन (Maurice Koechlin) और फ्रांसीसी सिविल इंजीनियर एमिल नूगुइ (Émile Nouguier) इस महत्वकांशी परियोजना के लिए संरचनात्मक इंजीनियर थे और स्टीफन सॉवेस्ट्रे (Stephen Sauvestre) इसके मुख्य वास्तुकार थे.

एफिल टॉवर को पूरा करने के लिए 300 श्रमिकों ने 2 साल, 2 महीने और 5 दिनों तक अथक परिश्रम किये. पूरी तरह से निर्माण होने पर, 31 मार्च 1889 को इसका उद्घाटन हुआ और 6 मई 1889 से इस टावर को जनता के लिए खोल दिया गया.

प्रारंभिक विचार यह था कि एफिल टॉवर केवल 20 वर्षों तक कायम रखा जाएगा और 1909 में इसे नष्ट कर दिया जाएगा. लेकिन इन 20 वर्षों के दौरान, टॉवर ने पर्यटकों को इतना आकर्षित किया और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इतना उपयोगी माना गया कि इसे ध्वस्त करने के बजाय विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित करने का निर्णय लिया गया.

यद्यपि एफिल टॉवर उस समय की औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था और वैश्विक मेले के दौरान आम जनता द्वारा इसकी व्यापक रूप से सराहना भी की गई, फिर भी कुछ मशहूर हस्तियों ने इस उत्कृष्ट निर्माण की आलोचना की. उस समय के सभी समाचार पत्र पेरिस के कला समुदाय द्वारा लिखे गए निंदा पत्रों से भरे हुए थे.

लेकिन जिन प्रसिद्ध हस्तियों ने शुरू में इस टावर की निंदा की थी, उन्होंने बाद में अपने विचार बदल दिए और इतना नहीं बल्कि एफिल टॉवर की प्रशंसा में एक संगीत कार्यक्रम की रचना भी की.

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Interesting facts about the Eiffel Tower in Hindi – 1 to 10.

#1. एफिल टॉवर को गुस्ताव एफिल (Gustave Eiffel) ने डिजाइन किया है और एफिल टॉवर का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है.

#2. इसे 1889 में फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर बनाया गया था.

#3. एफिल टावर की ऊंचाई 300 मीटर यानि 984 फीट है. हालांकि, इसके एंटेना की लंबाई को जोड़ने पर यह 334 मीटर हो जाता है.

#4. एफिल टॉवर में प्रयुक्त धातु का कुल वजन 700 टन के करीब है. एफिल टॉवर धातु से बना है इसलिए यह सर्दियों में 6 इंच तक सिकुड़ जाता है.

#5. एफिल टावर को बनाने में 18,038 लोहे के टुकड़े और 25 लाख कीलों का इस्तेमाल किया गया था.

#6. इसके निर्माण के 41 वर्षों के बाद, यह 1930 में न्यूयॉर्क में क्रिसलर बिल्डिंग द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने से पहले तक मानव निर्मित सबसे ऊंचा टॉवर था.

#7. क्या आप जानते हैं कि एफिल टावर को पहले पेरिस की जगह बार्सिलोना, स्पेन में बनाया जाना था, लेकिन इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.

#8. साल 1902 में बिजली के एक तीव्र झटके से एफिल टावर के ऊपरी हिस्से को काफी नुकसान हुआ था, जिसके बाद उस हिस्से को फिर से बनाया गया था.

#9. मामला 1923 का है जब एक व्यक्ति किसी के द्वारा लगाई गई शर्त के मुताबिक साइकिल पर सवार होकर टावर की सीढ़ियां चढ़ गया था. वह व्यक्ति शर्त तो जीत गया, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसे इस अवैध कार्य के लिए गिरफ्तार कर लिया था.

#10. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब जर्मनी का तानाशाह अडोल्फ हिटलर पेरिस पहुंचा तो एफिल टॉवर की लिफ्ट की केबल काट दी गई थी ताकि वह इस टॉवर के शीर्ष तक नहीं पहुंच सके.

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Interesting facts about the Eiffel Tower in Hindi – 11 to 20.

#11. कहा जाता है की लंदन ने एक ऐसी संरचना का निर्माण शुरू कर दिया था जो ऊंचाई के मामले में एफिल टॉवर को भी पीछे छोड़ देता. लेकिन इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका और अंतत: कुछ वर्षों के बाद उस ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया.

#12. मार्च 2018 तक इस टावर का रंग 18 बार बदला जा चुका है. पूरे टावर को हर सात से आठ साल में रंगा जाता है. अब तक एफिल टावर पर 10 हाथियों के वजन के बराबर पेंट किया गया है.

#13. अगर आज के समय में एफिल टावर बना होता तो इसकी कीमत 3.1 करोड़ डॉलर होती.

#14. बदलते तापमान के कारण इसकी ऊंचाई में 5.6 इंच का अंतर आ जाता है. इसके अलावा यह टावर तेज हवा में 2-3 इंच नीचे झुक जाता है.

#15. एफिल टावर पर रंग-बिरंगी रोशनी के लिए 20 हजार बल्ब लगाए गए हैं. हर दिन अंधेरा होने के बाद टॉवर को रोशन किया जाता है ताकि इसे दूर से भी देखा जा सके.

#16. 2013 से यहां प्रतिदिन रात 1 बजे (और गर्मियों में रात 2 बजे) के बाद लाइटें बंद कर दी जाती हैं, ताकि बिजली की बचत की जा सके.

#17. एफिल टॉवर देखने के लिए हर साल 70 लाख लोग आते हैं.

#18. अगर आप एफिल टावर की चोटी पर जाना चाहते हैं तो आपको 1665 सीढ़ियां चढ़नी होंगी.

#19 बताया जाता है कि एफिल टावर की लिफ्ट एक साल में करीब 1,03,000 किलोमीटर का सफर तय करती है.

#20. रात में एफिल टॉवर की तस्वीर लेना अवैध है, वास्तव में, इस टॉवर पर रोशनी का डिजाइन इसके कलाकारों द्वारा कॉपीराइट किया गया है.

#21 आपको यकीन नहीं होगा लेकिन पूरी दुनिया में एफिल टावर की 30 प्रतिकृतियां मौजूद हैं.

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