दूसरा घर कर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Doosra Ghar Kar Lena Muhavara)

Doosra Ghar Kar Lena Muhavare Ka Matlab

दूसरा घर कर लेना का अर्थ – Doosra Ghar Kar Lena Muhavare Ka Matlab

दूसरा घर कर लेना मुहावरे का अर्थकिसी बात को दिल से लगा लेना
Doosra Ghar Kar Lena

दूसरा घर कर लेना मुहावरे का अर्थ

Doosra Ghar Kar Lena Muhavre Ka Arth – दूसरा घर कर लेना मुहावरे का अर्थ है किसी बात को दिल से लगा लेना, किसी बात से प्रभावित होना, किसी की बात का बुरा मान लेना।

दूसरा घर कर लेना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Doosra Ghar Kar Lena Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: मोहिनी शुरू से ही बहुत भावुक लड़की है, वह दूसरों की छोटी-छोटी बातों को भी दिल से लगा लेती है यानी दूसरा घर बना लेती है।

#2. वाक्य प्रयोग: हमें कभी भी दूसरे की बातों में आकर दूसरा घर नहीं कर लेना चाहिए यानि अपने विचारों को प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए, इससे हमारे दोस्तों और रिश्तेदारों से संबंध खराब हो जाते हैं।

#3. वाक्य प्रयोग: सफल होने के लिए किसी की भी अच्छी या बुरी बात को दिल से नहीं लगाना चाहिए अर्थात हमें कभी भी दूसरा घर नहीं कर लेना चाहिए।

#4. वाक्य प्रयोग: महात्मा गौतम बुद्ध सदैव शांत रहते थे क्योंकि वे किसी की बात का बुरा नहीं मानते थे अर्थात वे दूसरा घर नहीं कर लेते थे।

#5. वाक्य प्रयोग: अगर हम आसानी से किसी की बातों से प्रभावित हो जाएंगे तो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाएंगे और ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि दूसरा घर नहीं कर लेना चाहिए।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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