दि‍वाली पर हिंदी में कविताएँ – Diwali Poems in Hindi

Best Diwali poems Kavita in Hindi

Diwali Poems in Hindi – नमस्कार दोस्तों, दिवाली का त्योहार हमारे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इस मौके पर हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों का त्योहार मनाते हैं। इस प्यारे त्योहार पर हम अपने घरों को दीयों से सजाते हैं, साथ ही दिवाली पूजा और अन्न दान करके आत्मसंतुष्टि भी महसूस करते हैं।

इस मौके पर हम आपके साथ दिवाली की कुछ बेहतरीन कविताएं (Best Diwali poems in Hindi) साझा कर रहे हैं, जो इस मौके पर खास महत्व रखती हैं।

दीपों की रौशनी…

Diwali Poems in Hindi

दीयों की रोशनी, दिवाली की मिठास,
सभी को खुशियों का अनमोल उपहार मिले।

जीवन की राह रंगों से खिले,
आपकी पूरी यात्रा आशा के दीपक से जगमगाती रहे।

आओ मिलकर खुशियों का ये त्यौहार मनायें,
दोस्तों और परिवार के साथ, दिप से दिप जलाये।

आपका घर दीपों की रोशनी से जगमगा उठे,
आपका दिल खुशी और शांति से भरा रहे।

सारे गम दूर हो जाएं, दर्द यहीं भूल जाएं,
दिवाली की रात, हर कोई खुशियों से भरा हो।

हमारे सपने दीपों की रोशनी से बने हैं,
इस दिवाली, आइए हम सब मिलकर सत्य वचन बनाएं।

आपका दिल प्यार, खुशी की मिठास से भरा रहे,
दीयों की रोशनी से आपका जीवन खुशियों से भर जाए।

खुशियों का त्योहार…

Best Diwali Poems in Hindi

दिवाली का ये मौका, खुशियों का त्योहार,
हर कोने से आती हैं खुशियों की बूंदें, खुशियों का झरना।

दिवाली के त्यौहार में दीपों की रोशनी जगमगाएं,
सारे दरवाजे खुल गए और दोस्तों के दरवाजे खुशियों से भर गए।

आपका दिल मिठाइयों की मिठास से मदहोश हो जाए,
परिवार के साथ बैठकर खुशियों का त्योहार मनाये।

रंगों का खेल, पटाखों की धूम,
आकाश में उड़ते प्रकाश के फूल प्रसन्नता से मिलते हैं।

आइए हम सब मिलकर इस प्यारे त्योहार को मनाएं,
हर घर में एक साथ हो खुशियों का शोर, और आवाज हो दमदार।

ये दिवाली खुशियों का त्यौहार है,
सबकी आंखों में खुशी की किरणें चमकें।

इस त्यौहार के अवसर पर आपका जीवन खुशियों से भरा रहे,
खुशियों के त्योहार दिवाली के इस खास पल को मिलकर मनाएं।

रोशनी की ओर…

Diwali Hindi Kavita

रोशनी की ओर, दिवाली के त्योहार की बड़ी तैयारी,
आइए हम सब मिलकर अपने घर को सजाएं और खुशियों का प्रवाह बढ़ाएं।

दीयों की चमक, रंगों का खिलना,
सारे दरवाजे खोल दो, हर दिल में जोश भर दो।

आइए हम सब मिलकर इस दिवाली की खुशबू को बढ़ाएं।
दोस्तों और परिवार के साथ, हम सभी जीवित गुरु बन जाये।

हम धीरे-धीरे प्रकाश की ओर बढ़ते हैं,
चलो खुशियों की ओर बढ़ें, प्यारे वीरों।

दिवाली के इस खूबसूरत मौके पर,
हम सब मिलकर प्रकाश की ओर बढ़ें।

दीपावली की खुशबू…

Best Poem on Diwali in Hindi

दिवाली की खुशबू, मिठाइयों का स्वाद,
यह त्योहार है हम सबके दिल की आद।

घरों में खुशियों की लहरें गूंजती हैं,
दोस्तों के साथ हंसी-खुशी की खुशबू यहां मिलती है।

घर का हर कोना दीपों से सजा है,
दिवाली की रात तेज रोशनी की खुशबू हमारी आंखों में भर गई।

मिठाइयों की मिठास, दिलों का प्यार,
दिवाली की खुशबू है ये बेइंतहा प्यार.

हम सब अपने दिल खोलें, खुशियों के दरवाजे,
दिवाली की खुशबू में हम सब अपने अधूरे प्यार की खुशबू में खो जाते हैं।

हर दर्द खोखला हो जाता है, हर गम कम हो जाता है, हर बीमारी कम हो जाती है,
दिवाली की खुशबू और मिठाइयों का स्वाद ही असली औषधि और जीवन में शांति की कुंजी है।

इस दिवाली पर आपका जीवन खुशियों से भरा रहे,
दिवाली की खुशबू हमें हमेशा अपने दिलों के करीब ले जाए और एक-दूसरे से जोड़े रखे।

साथी, घर-घर आज दिवाली…

Diwali Par Kavita

साथी, घर-घर आज दिवाली!
फैल गयी दीपों की माला
मंदिर-मंदिर में उजियाला,
किंतु हमारे घर का, देखो, दर काला, दीवारें काली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

हास उमंग हृदय में भर-भर
घूम रहा गृह-गृह पथ-पथ पर,
किंतु हमारे घर के अंदर डरा हुआ सूनापन खाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

आँख हमारी नभ-मंडल पर,
वही हमारा नीलम का घर,
दीप मालिका मना रही है रात हमारी तारोंवाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

– हरिवंशराय बच्चन

आओ फिर से दिया जलाएँ

Poem on Diwali in Hindi

आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अंधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।

हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल
वतर्मान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।

आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज़्र बनाने-
नव दधीचि हड्डियां गलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।

-अटल बिहारी वाजपेयी

है रोशनी का यह त्योहार…

Short Poem On Diwali in Hindi

है रोशनी का यह त्योहार,
हर चेहरे पर लेकर मुस्कान
सुख और समृद्धि की बहार,
समेट लो सारी खुशियाँ
अपनों का प्यार और साथ,
इस पवित्र अवसर पर
आप सबको दीपावली की शुभकामनाएँ!

दीपावली आई, आई रौशनी भरी रात है…

Diwali Poems in Hindi

दीपावली आई, आई रौशनी भरी रात है,
दीपों से सजी हुई रौशनी बड़ी प्यारी बारात है।
हर ओर अपनों की हंसी झलक रही है,
रंग-बिरंगे आकर्षक दीपक जल रहे हैं।
परिवार को जोड़कर यह त्योहार आया है,
खुशियों की बारिश लेकर आया है बहार।
हर किसी के लिए आए हैं यह प्यारे उपहार,
मीठे मीठे पकवान और मिलने की है ख्वाहिश सारी।
यह पर्व हर साल लाता है सबको मिलने का मौका,
दीपावली का त्योहार, सबसे महत्वपूर्ण और प्यारा।
दीपावली आई, आई रौशनी भरी रात है।

दीप से दीप मिलें…

Best Diwali Poems in Hindi

सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलें
कर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें।

लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने में
लक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने में
लक्ष्मी का आगमन अँधेरी रातों में
लक्ष्मी श्रम के साथ घात-प्रतिघातों में
लक्ष्मी सर्जन हुआ
कमल के फूलों में
लक्ष्मी-पूजन सजे नवीन दुकूलों में।।

गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य विहार
सतत मानवी की अँगुलियों तेरा हो शृंगार
मानव की गति, मानव की धृति, मानव की कृति ढाल
सदा स्वेद-कण के मोती से चमके मेरा भाल
शकट चले जलयान चले
गतिमान गगन के गान
तू मिहनत से झर-झर पड़ती, गढ़ती नित्य विहान।।

उषा महावर तुझे लगाती, संध्या शोभा वारे
रानी रजनी पल-पल दीपक से आरती उतारे,
सिर बोकर, सिर ऊँचा कर-कर, सिर हथेलियों लेकर
गान और बलिदान किए मानव-अर्चना सँजोकर
भवन-भवन तेरा मंदिर है
स्वर है श्रम की वाणी
राज रही है कालरात्रि को उज्ज्वल कर कल्याणी।।

वह नवांत आ गए खेत से सूख गया है पानी
खेतों की बरसन कि गगन की बरसन किए पुरानी
सजा रहे हैं फुलझड़ियों से जादू करके खेल
आज हुआ श्रम-सीकर के घर हमसे उनसे मेल।
तू ही जगत की जय है,
तू है बुद्धिमयी वरदात्री
तू धात्री, तू भू-नव गात्री, सूझ-बूझ निर्मात्री।।

युग के दीप नए मानव, मानवी ढलें
सुलग-सुलग री जोत! दीप से दीप जलें।

-माखनलाल चतुर्वेदी

जल, रे दीपक, जल तू…

Diwali Hindi Kavita

जल, रे दीपक, जल तू
जिनके आगे अँधियारा है,
उनके लिए उजल तू।

जोता, बोया, लुना जिन्होंने
श्रम कर ओटा, धुना जिन्होंने
बत्ती बँटकर तुझे संजोया,
उनके तप का फल तू
जल, रे दीपक, जल तू।

अपना तिल-तिल पिरवाया है
तुझे स्नेह देकर पाया है
उच्च स्थान दिया है घर में
रह अविचल झलमल तू
जल, रे दीपक, जल तू।

चूल्हा छोड़ जलाया तुझको
क्या न दिया, जो पाया, तुझका
भूल न जाना कभी ओट का
वह पुनीत अँचल तू
जल, रे दीपक, जल तू।

कुछ न रहेगा, बात रहेगी
होगा प्रात, न रात रहेगी
सब जागें तब सोना सुख से
तात, न हो चंचल तू
जल, रे दीपक, जल तू!

-मैथिलीशरण गुप्त

दीपों से महकता संसार…

Best Poem on Diwali in Hindi

दीपों से महकता संसार,
फुलझड़ियों की खिलती झलकार,
रंग-बिरंगा आकाश ऊपर,
दीपों की चमक से अब निकली पर,
हँसते चेहरे हर कोने पर,
प्यार की झलक आई हर दिन,
दीवाली के इस शुभ दिन पर,
दीपकों से आबूझ होता है दिल किन।

मुन्ना-मुन्नी गुड्डू-गुड्डी,
हर के मन में हंसी-खुशी,
बर्फी, पेठे, गुलाब जामुन, सब मिठाई,
देखो सबकी खुशियों की मिठास आई,
बज रहे बम, रोकेट, अनार, पटाखे।

हर के चेहरे पर प्यार की बात,
दीवाली के इस शुभ दिन पर,
दीपकों की चमक से होता है सब कुछ साफ,
हँसी-खुशी के साथ मनाते हैं यह त्योहार।

मन में खुशी हर ओर महकती है,
होठों से दुआ निकलती है,
इस खुशी भरे त्योहार में,
आँखों से खुशी की बूँदें गिरती हैं,
आओ मिलकर हम बांधें रिश्तों के धागे,
हँसी-खुशी की बातें साझा करें।

दीवाली के इस शुभ दिन पर,
दीपकों की रौशनी से घर में रौशनी है,
खुशियों का आगमन, मनो आप हर दिन,
दीपकों से आबूझता है आपका मन किन.

दीपों की चमक, दिवाली की मिठास,
सबके दिल में है यह खास,
सब मिलकर खुशियों को बांधें,
इस दीपावली के प्यारे त्योहार में,
दीपक लगते हैं प्यारे से हम सभी के घर।

जब मन में बसे मौसम बहार की…

Diwali Par Kavita

जब मन में बसे मौसम बहार की,
चमकाएं चमक सितारों की,
ख़ुशियों से घिरे हों हम सारे,
तन्हाई में भी जुदे न हम कभी,
आनंद की रौशनी होती है,
उस दिन ‘दिवाली’ होती है।

प्रेम के दीपक जलते हैं हमारे दिल में,
सपने सच में बदलते हैं अपने दिल में,
मन में भावनाओं की मधुरता होती है,
लहकती फसलों की चावों की,
उत्साह की रौशनी होती है,
उस दिन ‘दिवाली’ होती है।

प्रेम से मील मिलाते हैं हम दोस्तों को,
दुश्मन भी गले लगाते हैं दोस्तों को,
कहीं किसी से वैर न हो,
सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो,
अपनेपन की रौशनी होती है,
उस दिन ‘दिवाली’ होती है।

तन-मन-जीवन सज जाते हैं हम,
सद्-भाव के सुरों की मेल खोलते हैं हम,
महकती ख़ुशबू ख़ुशियों की,
मुस्काती चंदनियां सुधियों की,
तृप्ति की रौशनी होती है,
उस दिन ‘दिवाली’ होती है।

रोशनी का त्योहार दीपावली…

Poem on Diwali in Hindi

रोशनी का त्योहार दीपावली
दीपों का आभूषण दीपावली
खुशियों का बगिचा दीपावली
सबके मन में है, दीपावली

चौदह वर्ष का वनवास किया
फिर घर लौटकर श्रीराम आए
अयोध्या के मन को भाये राम
घर-आँगन में सजी रात हर
बजे ताल, बजे शंख और गीत

आसमान में तारों की बूढ़ंग
खुशियों की बौछार दीपावली
परिवार के साथ मिलकर
मनाने का यह त्योहार दीपावली

धन और समृद्धि की प्राप्ति
लाता है यह त्यौहार दीपावली
सबके दिलों में आए सुख और समृद्धि
यही कामना हमारी, शुभ दीपावली।

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