दिवाली के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य – Information & Interesting Facts About Diwali

Information & Interesting Facts About Diwali - दिवाली के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य

Information and facts about Diwali in Hindiदिवाली जिसे दीपावली के रूप में भी जाना जाता है, सनातन हिंदू धर्मियों का सबसे बड़ा त्यौहार है. यह साल के सबसे ज्यादा हर्षोल्हास के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. आध्यात्मिक रूप से यह शुभ दिन ‘अंधेरे पर प्रकाश की जीत’ (Victory of light over darkness) का प्रतीक है.

दिवाली पांच दिनों तक मनाया जाने वाला रोशनी का त्योहार (Festival of Lights) है, दीपावली को दीपों का पर्व कहा जाता है. यह 2 दिन पहले धनतेरस से शुरू होता है और 2 दिन बाद भाई दूज के साथ समाप्त होता है.

दिवाली की तैयारी कई हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती है. लोग अपने घरों, दुकानों, कार्यालयों और कामकाज आदि ठिकानों की साफ-सफाई और सजावट करने लगते हैं. घर-घर में रिपेयरिंग, पेंटिंग, वाइटनिंग आदि का काम शुरू हो जाता है.

दीवाली के आगमन पर सभी घर, मोहल्ले, सड़के, बाजार साफ-सुथरे और सजे-धजे नजर आते हैं.

दिवाली का त्योहार क्यों मनाया जाता है? Why is the Diwali festival celebrated?

हिंदू महाकाव्य रामायण (Ramayana) के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी देवी सीता के सहित अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे. 

अपने प्रिय राजा के आगमन पर अयोध्यावासियों का हृदय हर्ष से भर गया और उनकी सकुशल वापसी की खुशी में लोगों ने घर-घर घी के दीपक जलाए थे.

कार्तिक मास की तीव्र काली अमावस्या की वह रात लक्ष-लक्ष दीयों के तेजोमय प्रकाश से जगमगा उठी. तब से लेकर आज तक भारतीय हर साल इस प्रकाश पर्व (दीपावली) को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.

सनातन भारतीयों का मानना है कि ‘सत्य की हमेशा जीत होती है और झूठ का नाश होता’ है; दीपावली का यही अर्थ है – अस्तो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय. दीपावली स्वच्छता और प्रकाश का पर्व है.

इसके अलावा, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का जन्म दीवाली पर ब्रह्मांडीय महासागर (समुद्र मंथन) के मंथन के दौरान हुआ था. इस प्रकार, दिवाली के दिन पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को सबसे महत्वपूर्ण देवता के रूप में पूजा जाता है.

दिवाली को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के विवाह और नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है.

हिंदू महाकाव्य महाभारत (Mahabharata)के अनुसार, कुछ लोग दिवाली को 12 साल के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद पांडवों की वापसी का प्रतीक मानते हैं.

कुछ लोग दीपावली को विष्णु के वैकुंठ लौटने के दिन के रूप में मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और उस दिन उनकी पूजा करने वाले आने वाले साल में मानसिक और शारीरिक दुखों से दूर रहते हुए खुश रहते हैं.

भारत के पूर्वी क्षेत्र, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में, हिंदू अनुयायी लक्ष्मी के बजाय मां काली (Goddess Kali) की पूजा करते हैं, और इस त्योहार को काली पूजा (Kali Puja) कहा जाता है.

भारत के मथुरा और उत्तर मध्य क्षेत्रों में, इसे भगवान कृष्ण से जुड़ा माना जाता है. अन्य क्षेत्रों में, गोवर्धन पूजा (या अन्नकूट) के भोज में कृष्ण को पेश किए जाने वाले 56 या 108 विभिन्न व्यंजन होते हैं और स्थानीय समुदाय द्वारा सांझे के रूप में मनाया जाता है.

दीपावली दिवाली शब्द की उत्पत्ति – Word Origin of Diwali

दीपावली शब्द संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ अर्थात ‘दीया’ और ‘अवली’ का अर्थ ‘रेखा’ या ‘श्रृंखला’ के मिश्रण से हुई है.

कुछ लोग ‘दीपावली’ और कुछ ‘दिपावली’; जबकि कुछ लोग ‘दिवाली’ शब्द का प्रयोग करते हैं और कुछ लोग ‘दीवाली’ शब्द का प्रयोग करते हैं.

शुद्ध शब्द ‘दीपावली’ है, जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘अवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है; जिसका अर्थ है – ‘दीपों की पंक्ति’.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली – Diwali as per Hindu calendar

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के पन्द्रहवीं तिथि को अमावस्या (New moon) के दिन मनाया जाता है.

क्या दिवाली हिंदू नव वर्ष है? Is Diwali Hindu New Year?

भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तारीखों पर नया साल मनाया जाता है. लेकिन हिंदू नव वर्ष चैत्र मास की पहली तिथि यानी चैत्र प्रतिपदा को मनाया जाता है, जो हर साल मार्च या अप्रैल के अंत में होता है.

लेकिन भारत के कुछ पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में, दिवाली का त्योहार एक नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है.

विभिन्न धर्मों में दिवाली उत्सव – Diwali celebration in different religions

दीवाली हिंदुओं, जैनियों, सिखों और नेवार बौद्धों द्वारा मनाई जाती है, हालांकि प्रत्येक धर्म के लिए यह विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं और कहानियों को चिह्नित करता है, लेकिन फिर भी यह त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की, अज्ञानता पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की समान प्रतीकात्मक जीत का प्रतिनिधित्व करता है.

जिस रात दीवाली मनाई जाती है, उसी रात जैन धर्म के अनुयायी भी तीर्थंकर भगवान महावीर द्वारा मोक्ष की प्राप्ति को चिह्नित करने के लिए त्योहार मनाते हैं.

सिख धर्म के लोग भी दिवाली इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन उनके गुरु हरगोबिंद सिंह जी और 52 अन्य राजा मुगल शासक शाहजहां के चंगुल से मुक्त हुए थे.

सिख धर्म में दिवाली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन 1577 में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी.

दुनिया भर में दिवाली त्योहार का जश्न – Diwali festival celebration around the world

दीपावली पूरी दुनिया में विशेष रूप से हिंदू, जैन और सिख समुदाय द्वारा मनाई जाती है. 

यह श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश,म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मॉरीशस, केन्या, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, नीदरलैंड, कनाडा, यूके, संयुक्त अरब अमीरात, और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई अन्य देश शामिल हैं. 

भारतीय संस्कृति की समझ और भारतीय मूल के लोगों के वैश्विक स्थानान्तरण के कारण साल दर साल दिवाली मनाने वाले देशों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. कुछ देशों में यह पर्व मुख्य रूप से भारतीय प्रवासी द्वारा मनाया जाता है, वही अन्य स्थानों में यह सामान्य स्थानीय संस्कृति का हिस्सा बन रहा है.

दिवाली के दिन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि फिजी, गुयाना, सिंगापुर, मलेशिया, मॉरीशस, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, सूरीनाम, त्रिनिदाद, टोबैगो, पाकिस्तान के सिंध प्रांत समेत 11 देशों में सरकारी छुट्टी होती है.

भारत के बाहर दीवाली का सबसे बड़ा उत्सव इंग्लैंड के ‘लीसेस्टर’ शहर में आयोजित किया जाता है.

नेपालियों के लिए यह पर्व बहुत ही खास है क्योंकि इसी दिन से नेपाल संवत में नए साल की शुरुआत होती है.

दिवाली पर भारत में हजारों करोड़ रुपए की आतिशबाजी की जाती है.

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