चूड़ियाँ पहनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Choodiyan Pahanana Muhavara)

Choodiyan Pahanana Muhavare Ka Matlab

चूड़ियाँ पहनना का अर्थ – Choodiyan Pahanana Muhavare Ka Matlab

चूड़ियाँ पहनना मुहावरे का अर्थस्त्री की तरह असहाय होना
Choodiyan Pahanana

चूड़ियाँ पहनना मुहावरे का अर्थ

Choodiyan Pahanana Muhavre Ka Arth – चूड़ियाँ पहनना मुहावरे का अर्थ है स्त्री की तरह असहाय होना, कायर बन जाना।

चूड़ियाँ पहनना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Choodiyan Pahanana Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: खेल-प्रतियोगिता के दौरान जब कोई भी छात्र प्रतिस्पर्धी मुक्केबाज से लड़ने को तैयार नहीं हुआ तो शिक्षक ने अपने छात्रों से पूछा कि क्या आप सभी ने हाथों में चूड़ियाँ पहन रखी हैं।

#2. वाक्य प्रयोग: जब छगनलाल अपने घर को नीलाम होने से नहीं बचा सके तो उनके परिवार वाले उनसे पूछने लगे कि क्या तुमने हाथों में चूड़ियाँ पहन रखी हैं।

#3. वाक्य प्रयोग: जब राजेश गुंडे से मार खाकर आया तो दिनेश ने उससे कहा कि तुमने हाथों में चूड़ियाँ पहनी हुई हैं जो उस गुंडे को नहीं मार सके।

#4. वाक्य प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी गलत और बुरी बातों के लिए आवाज नहीं उठाता और वह दबा हुआ और डरा हुआ रहता है तो कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति ने हाथों में चूड़ियाँ पहन रखी हैं, इसीलिए वह डर के मारे दबा हुआ रहता है।

#5. वाक्य प्रयोग: जतिन चूड़ियाँ पहनने वालों में से नहीं है, वह जरूर तुम्हें हराने के लिए समय का इंतजार कर रहा है।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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