चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Chiti Ke Par Nikalna Muhavara)

Chiti Ke Par Nikalna Muhavare Ka Matlab

चींटी के पर निकलना का अर्थ – Chiti Ke Par Nikalna Muhavare Ka Matlab

चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थअपने आप पर बहुत गर्व होना
Chiti Ke Par Nikalna

चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थ

Chiti Ke Par Nikalna Muhavre Ka Arth – चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थ है अपने आप पर बहुत गर्व होना, स्वयं स्फूर्ति से साहसिक कार्य करना।

चींटी के पर निकलना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Chiti Ke Par Nikalna Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: जिस प्रकार लोगों ने एरिया के लफंगों के खिलाफ खुलकर विरोध करना शुरू किया है उससे अब उनके समझ में आ गया है की अब तो चींटियों के भी पर निकल आये है।

#2. वाक्य प्रयोग: किशन अब अपने बारे में इतराने लगा है क्योंकि उसने शेयर बाजार में कुछ मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है यानी चींटी के पर निकल आए हैं।

#3. वाक्य प्रयोग: सभी प्रतिभागियों में सबसे छोटी होने के बावजूद रीना ने साइकिल प्रतियोगिता जीतकर खुद को गौरवान्वित महसूस किया है, जिसे चींटी के पंख पर निकलना कहा जाता है।

#4. वाक्य प्रयोग: रोरोशन इस साल पहले नंबर से क्या पास हुआ, अपने को सबसे होशियार बच्चा समझने लगा है और किसी से सीधे मुँह बात भी नहीं करता, इसे कहते हैं चींटी के पर निकल आना।

#5. वाक्य प्रयोग: अपने बेटों को सरकारी नौकरी मिलने पर रामलाल का घमंड बढ़ता देख गांव के लोग कहने लगे कि अब चींटी के पर निकल आए है।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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