चीता के बारे में हिंदी में जानकारी और (35+) रोचक तथ्य – Information and interesting facts about Cheetah in Hindi

चीता के बारे में हिंदी में जानकारी और रोचक तथ्य - Information and interesting facts about Cheetah in Hindi

Cheetah in Hindi – एक समय था जब भारत में बड़ी संख्या में चीते पाए जाते थे. ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह भी पता चलता है कि कई भारतीय किसान चीते को अपने पालतू जानवर (Pet) के रूप में रखते थे, जो अन्य जानवरों से उनके खेतों की रखवाली करते थे.

फिर अचानक निवास स्थान के नुकसान और अवैध शिकार के कारण उनकी संख्या कम होने लगी और 1952 में भारत सरकार ने चीते को विलुप्त जानवर (Extinct animals) घोषित कर दिया.

भारत में पूरे सात दशक बाद, 17 सितम्बर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 72वें जन्मदिन के अवसर पर चीतों की वापसी (Cheetah Return in India) हो गई है. 

इन सभी आठ चीतों को दक्षिणी अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में लाया गया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीता भारत से प्राकृतिक रूप से विलुप्त (Extinct) नहीं हुआ था, बल्कि एशियाई चीता प्रजाति (Asiatic cheetah species) का शिकार करके उसका सफाया कर दिया गया था. 

भारत से चीते 1952 में पूरी तरह से विलुप्त हो गए थे. लेकिन अब उन्हें भारत के जंगलों में बसाने की पहल शुरू हो गई है.

आज के इस लेख में हम आपसे चीता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और आश्चर्यजनक तथ्य के बारे में बात करेंगे.

चीता के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Amazing Facts About Cheetah In Hindi

#1. चीते के शरीर पर धब्बेदार निशान ही इसकी पहचान है. ऐसा माना जाता है कि चीता का नाम हिंदी शब्द “चित्ती (Chitti)” से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बहुरंगी शरीर वाला.

#2. एक पूर्ण विकसित चीता का वजन 75 से 145 पाउंड के बीच होता है, जिसकी लंबाई 4 फीट और कंधे तक की लंबाई 2 से 3 फीट होती है. इनकी पूंछ आमतौर पर 30 इंच लंबी होती है.

#3. चीतों को काले धब्बों से ढके उनके नारंगी फर और “Black tears” यानि काले आंसू नामक दो धारीदार काली रेखाओं से आसानी से पहचाना जा सकता है जो उनकी आंखों के अंदर तक जाती हैं. 

#4. वैज्ञानिकों का मानना है कि चीते की आंखों के नीचे धारीदार काले निशान (काले आंसू) होने के कारण चीता अफ्रीका के तेज धूप में भी लंबी दूरी तक साफ देख सकता है.

#5. चीता पृथ्वी पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर (Fastest land animal in the world) है, यह 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है और 3 सेकंड में यह शून्य से 60 मील प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है. यह दौड़ते हुए घोड़े से दुगनी तेजी से दौड़ता है.

#6. चीता सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है, लेकिन बहुत तेज गति से दौड़ने के बाद भी चीता 300 मीटर से ज्यादा नहीं दौड़ सकता. 400 से 600 गज की दूरी के बाद चीता थक जाता है और उसे आराम की जरूरत होती है.

#7. चीते की रीढ़ की हड्डी एक स्प्रींग की तरह काम करती है, यही वजह है कि यह दूसरे जानवरों की तुलना में दुगनी गति से आगे बढ़ता है. 

#8. चीते का मुंह हवा को काटने में मदद करता है और चीते की पूंछ तेज गति से दौड़ते समय अचानक मुड़ने में मदद करती है. 

#9. जब चीते पूरी रफ्तार से दौड़ते हैं तो वे लगभग 7 मीटर यानी 23 फीट लंबी छलांग लगा सकते हैं. वह इस अंतर की रफ्तार महज 3 सेकेंड में हासिल कर लेते हैं.

#10. यह सच है कि चीते 120 किलोमीटर तक की रफ्तार से दौड़ सकते हैं और इस रफ्तार को महज 3 सेकेंड में हासिल कर सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रफ्तार से वे 20 सेकेंड से ज्यादा नहीं दौड़ सकते.

चीता के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Cheetah Facts In Hindi

#11. चीता दिन के समय सक्रिय रहने वाले जानवर होते हैं. वे दिन में धूप में शिकार करते हैं क्योंकि अफ्रीका में ज्यादातर जानवर रात के दौरान शिकार करते हैं जब तापमान काफी गिर जाता है. अन्य अफ्रीकी बड़ी बिल्लियों और शिकारियों की तुलना में चीता बहुत कमजोर प्राणी होते हैं, जो आसानी से उनका भोजन चुरा लेते हैं. दिन में इनका शिकार करने से इनके शिकार के खोने की संभावना कम हो जाती है.

#12. चीते को जीने के लिए बहुत कम पानी की जरूरत होती है. चीता हर 3 से 4 दिन में पानी पीता है क्योंकि वह भोजन से कुछ पानी खुद ही सोख लेता है.

#13. अधिकांश अन्य बिल्लियों की तरह, चीता पेड़ों पर चढ़ने और पर्वतारोही होने में सक्षम नहीं है. चीता घास के मैदानों, सवाना और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं जहां पर्याप्त खुली जगह और बहुत सारे शिकार होते हैं.

#14. अपनी तेज गति (Fast speed) के लिए जाने जाने वाले चीतों के बारे में यह भी कहा जाता है कि चीते इंसानों पर हमला नहीं करते है और यह जानवर आराम करना भी खूब पसंद करता है.

#15. मादा चीता अकेले रहना पसंद करती है, जबकि नर छोटे-छोटे समूहों में रहते हैं जो भाइयों से बने होते हैं यानी एक ही मां-बाप की औलाद. 

#16. मादा चीता संभोग के दौरान ही नर के करीब जाती है और बाद में दोनों फिर से अलग हो जाते हैं. आमतौर पर समूह का केवल एक भाई संभोग के मौसम में मादा के साथ संभोग करता है. मादा चीता संभोग के बाद लगभग 90 दिनों के बाद 3 से 5 बच्चों को जन्म देती है.

#17. चीता आमतौर पर शुष्क मौसम के दौरान संभोग करते हैं जिसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था होती है जो 3 महीने तक चलती है और गीले मौसम की शुरुआत में समाप्त होती है जब खाद्य स्रोत समृद्ध होते हैं.

#18. मादा केवल पांच से दस औंस वजन वाले 3 से 5 शावकों को जन्म देती है. शावक अपने जीवन के पहले कुछ सप्ताह मांद (Den) में ही बिताते हैं. उनके जीवित रहने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि शिकार के दौरान मां को शावकों को छोड़ना पड़ता है.

#19. मादा चीता अकेले ही शावकों को पालती है, दिन में उन्हें मांद में छिपा देती है और बड़े होने पर उन्हें शिकार करना सिखाती है. 5 से 6 सप्ताह के चीते अपनी मां के साथ शिकार पर जाते हैं और 18 महीने की उम्र तक मां के साथ ही रहते हैं. 

#20. आपको जानकर हैरानी होगी कि मादा चीतों से पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे जन्म के समय ही मर जाते हैं. एक शोध से पता चला है कि चीते से पैदा हुए 100 बच्चों में से केवल 5 ही वयस्क होने तक जीवित रहते हैं. यह इस जानवर के विलुप्त होने के पीछे की बड़ी वजह है.

चीता के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में – Information About Cheetah In Hindi

#21. चीता एक ऐसा मांसाहारी जानवर है जिससे जंगल के अन्य मांसाहारी जानवर नफरत करते हैं और उसके बच्चों को मार देते हैं. जब ये छोटे होते हैं तो शेर, लकड़बग्धे, बबून और कई शिकारी पक्षी इन्हें अपना शिकार बना लेते हैं. यह भी इनके विलुप्त होने का एक कारण है.

#22. मादा चीता को वयस्क होने में लगभग 2 वर्ष लगते हैं जबकि नर चीता 1 वर्ष के बाद वयस्क हो जाते हैं.

#23. चीता एकमात्र बिल्ली है जो अन्य बड़ी बिल्लियों (Big Cats) बाघ, सिंह और तेंदुए की तरह दहाड़ (Roar) नहीं सकते है. वे केवल गड़गड़ाहट और बिल्ली की तरह म्याऊ-म्याऊ की आवाज निकालते हैं. एक और दिलचस्प बात यह है कि चीते कभी-कभी पक्षियों की तरह चहकते हैं.

#24. चीता एक मुखर जानवर (Vocal animal) है जो गुर्रा सकता है, फुफकार सकता है, खर्राटे ले सकता है, कराह सकता है, भेड़-बकरी की तरह में-में कर सकता है और गड़गड़ाहट कर सकता है. वे अपना मूड दिखाने के लिए चेहरे के भावों का इस्तेमाल करते हैं. 

#25. तेज दौड़ने वाला यह जानवर रात में शिकार नहीं करता है. हालांकि, अन्य बिल्ली प्रजातियों के जानवर रात में भी शिकार करते हैं. आमतौर पर चीते अपने शिकार को घेर लेते हैं और उन्हें मार देते हैं.

#26. चीते की नजर दिन में बहुत तेज होती है और यह 5 किमी दूर तक देख सकता है लेकिन रात में चीते की नजर कमजोर होती है.

#27. चीता का पसंदीदा शिकार हिरण, खरगोश, पक्षी और इम्पाला हैं और यह एक बार में 2.5 से 3.5 किलो मांस खाता है.

#28. चीता अपने पहले हमले में ही शिकार करता है और अगर कोई जानवर उसके पहले हमले में बच जाता है, तो चीता उसे छोड़ देता है. उनके पास शिकार करने के लिए केवल बीस सेकंड होते हैं, जिसके बाद वे थक जाते हैं.

#29. जंगल में चीते का औसत जीवनकाल 12 वर्ष और चिड़ियाघर या वन्यजीव संरक्षण में 17 वर्ष तक होता है.

#30. हालांकि चीतों को स्वभाव से पानी पसंद नहीं होता है, लेकिन वे जरूरत पड़ने पर पानी में तैरते हैं.

चीता के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में – Cheetah Ke Bare Mein Jankari

#31. एशियाई चीते (Asiatic cheetah) अब केवल ईरान में पाए जाते हैं. 

#32. एक समय था जब चीते भारत, पाकिस्तान और रूस के साथ-साथ मध्य पूर्व के देशों में भी पाए जाते थे. लेकिन अब एशिया में केवल मध्य ईरान के पठारी इलाकों में कुछ ही चीते बचे हैं.

#33. ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि भारत में मुगल शासकों द्वारा चीता को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. मुगलों द्वारा हजारों चीतों को पाला जाता था और युद्ध के दौरान उन्हें दुश्मन की सेना में छोड़ दिया जाता.

#34. भारत में, चीता का उपयोग खेलों में मनोरंजन के रूप में भी किया जाता था. कुछ राजाओं और सम्राटों के समय में चीता दौड़ (Cheetah race) का आयोजन किया जाता था.

#35. भारत में, ब्रिटिश अधिकारी और शाही परिवार के सदस्य चीता का शिकार केवल यह साबित करने के लिए करते थे कि वे कितने अच्छे निशानेबाज हैं, क्योंकि चीता पृथ्वी पर सबसे तेज़ जानवर है.

#36. अरब देशों में चीते के शावकों को पालतू जानवर के रूप में खरीदा जाता है, जिसकी कीमत दस हजार डॉलर या उससे अधिक होती है. यह मामला चीतों की तस्करी और खात्मे का एक बड़ा कारण है.

#37. तेज दौड़ने के लिए मशहूर चीता आज पूरी दुनिया में सिर्फ 7100 के आसपास ही बचे है.

भारत में चीतों का इतिहास – History of cheetah in India

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में बड़ी संख्या में चीते पाए जाते थे और अब हम विस्तार से जानते हैं कि भारत से चीते कब और क्यों विलुप्त हो गए? Why did cheetahs become extinct in India?

हमारे समाज में सदियों से खूंखार जंगली जानवरों और राजा-महाराजाओं से जुड़ी रोचक और अविश्वसनीय कहानियां सुनाई जाती रही हैं.

भारत में प्राचीन काल से ही राजा-महाराजा सिंह, बाघ, भालू और चीते जैसे बड़े जानवरों का अपने मनोरंजन के लिए और अपनी क्षमता दिखाने के लिए शिकार करते थे. 

राजा-महाराजा अपने राजपाठ से अवकाश लेकर अपनी छोटी सेना के साथ वनों की यात्रा करते थे और वहां पहुंचकर जंगली जानवरों का शिकार करते थे.

विशेष रूप से चीतों का शिकार करना भारतीय राजाओं के लिए बहुत मनोरंजक था क्योंकि चीते बहुत तेजी से भागते थे. ऐसी स्थिति में चीते का शिकार करना राजाओं के लिए गर्व की बात होती थी. 

लेकिन भारतीय राजाओं के इस कृत्य ने कई जंगली जानवरों को भारतीय भूमि से विलुप्त कर दिया, जिनमें से चीता भी एक था.

इस राजा ने किया था भारत के आखिरी चीते का शिकार

साल 1947 हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास था क्योंकि इस दिन भारत ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर एक स्वतंत्र संप्रभु देश की स्थापना की थी. लेकिन इसी साल चीते हमारे देश से हमेशा के लिए विलुप्त हो गए थे.

भारतीय इतिहासकारों के अनुसार 1947 में छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने भारत के अंतिम चीतों का खात्मा कर दिया था.

वर्ष 1947 में रामानुज प्रताप सिंहदेव ने एक साथ तीन चीतों का शिकार किया था और इसके साथ ही भारत में चीतों का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो गया था.

राजा महाराजा हमेशा भारत में वीरता और मनोरंजन के लिए जंगली जानवरों का शिकार करते थे और उस समय जंगली जानवरों का शिकार भी अवैध नहीं था. भारत के राजा-महाराजाओं के इस शौक ने धीरे-धीरे भारत से चीता प्रजाति के विलुप्त होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

अकबर के शासनकाल में लगभग एक हजार चीते मौजूद थे

इतिहासकारों का मानना है कि मुगल सल्तनत के दौरान अकबर के शासनकाल में भारत में लगभग 900 से 1000 चीते उपलब्ध थे. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि उनके शासनकाल में मुगल बादशाह अकबर ने इन चीतों का संरक्षण किया था.

1952 की सरकार ने भारत से चीतों के विलुप्त होने की घोषणा की थी

इतिहासकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान कोरिया जिले के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव द्वारा मारे गए 3 चीते भारत के अंतिम चीते थे.

इन 3 चीतों के मारे जाने के बाद 1952 में तत्कालीन वर्तमान सरकार ने औपचारिक रूप से इन चीतों के भारत से विलुप्त होने की घोषणा कर दी. तब से लेकर अगले 70 सालों तक भारत में कभी भी चीतों की एक झलक देखने को नहीं मिली.

भारत में अब फिर लौट आये चीते – Cheetahs have now returned to India

भले ही चीतों की प्रजाति भारत से विलुप्त हो गई हो, लेकिन चीतों को भारत में बसाने के लिए एक ऐसा अहम फैसला लिया गया है, जिसके बाद अब ये भारत में भी रहते नजर आएंगे.

17 सितंबर, 2022 को भारत के विद्यमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर, 8 चीतों को अफ्रीका के नांबिया से विमान द्वारा भारत लाया गया था, जिन्हें मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है.

एक बार फिर भारत सरकार द्वारा भारत में चीतों को बसाने की पहल की गई है, जिसके माध्यम से अब आम भारतीयों को भी भारत में चीते देखने को मिलेंगे.

चीता और तेंदुआ में अंतर – Difference between cheetah and leopard

तेंदुआ (Leopard) और चीता दिखने में एक जैसे लगते हैं, जिससे लोग अक्सर धोखा खा जाते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है.

हालांकि दोनों के शरीर पर चितकबरे पैटर्न होते हैं, लेकिन तेंदुए के शरीर पर बड़े काले-भूरे रंग के धब्बे होते हैं, जबकि चीते के शरीर पर थोड़े छोटे गोल, काले धब्बे होते हैं.

तेंदुए की अधिकतम दौड़ने की गति 60 किमी/घंटा होती है, जो कि चीते की गति से लगभग आधी होती है.

तेंदुए के पंजों में उभरे हुए नाखून होते हैं, जिसके कारण तेंदुए पेड़ों पर चढ़ने में माहिर होते हैं और अच्छे तैराक भी होते हैं.

तेंदुए की ऊंचाई कम होती है लेकिन यह दिखने में मजबूत और तगड़े देखते है. चीते की ऊंचाई तेंदुए की तुलना में अधिक होती है और चीते का शरीर हल्का होता है, जिसके कारण चीते को दौड़ने की तूफानी गति प्राप्त होती है.

चीते की दोनों आंखों के भीतरी कोने से गहरे काले रंग की वक्र रेखाएं निकलती हैं, जिन्हें “Tear-lines” कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह चीता को अपने शिकार पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है. ये रेखाएं तेंदुए में नहीं पाई जाती हैं.

चीता खुले घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं लेकिन तेंदुए घने झाड़ियों और पेड़ों वाले क्षेत्रों को पसंद करते हैं.

चीते की तुलना में तेंदुआ पेड़ों में अधिक समय व्यतीत करता है. चीते झुंड में रहते हैं जबकि तेंदुए ज्यादातर अकेले रहना पसंद करते हैं.

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