चरणों की धूल का अर्थ – Charno Ki Dhool Muhavare Ka Matlab
चरणों की धूल मुहावरे का अर्थ | नीची जाति के लोग या तुच्छ लोग |
चरणों की धूल मुहावरे का अर्थ
Charno Ki Dhool Muhavre Ka Arth – चरणों की धूल मुहावरे का अर्थ है नीची जाति के लोग या तुच्छ लोग।
चरणों की धूल मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Charno Ki Dhool Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: समाज में अक्सर देखा जाता है कि जो लोग ऊंचे दर्जे के होते हैं, वे निचले दर्जे के लोगों को अपने पैरों की धूल समझते हैं।
#2. वाक्य प्रयोग: एक सभ्य नागरिक होने के नाते हमें हर व्यक्ति को समान दृष्टि से देखना चाहिए न कि उसे अपने पैरों की धूल समझना चाहिए।
#3. वाक्य प्रयोग: इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणी भगवान के चरणों की धूल हैं।
#4. वाक्य प्रयोग: कुछ लोग जब बहुत सारा धन कमा लेते हैं तो दूसरे लोगों को अपने पैरों की धूल समझने लगते हैं।
#5. वाक्य प्रयोग: हर भारतीय भारतीय सेना के लिए उनके पैरों की धूल बनने को तैयार है।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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