चैन की बंसी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Chain ki Bansi Bajana Muhavara)

Chain ki Bansi Bajana Muhavare Ka Matlab

चैन की बंसी बजाना का अर्थ – Chain ki Bansi Bajana Muhavare Ka Matlab

चैन की बंसी बजाना मुहावरे का अर्थचिंता मुक्त होना
Chain ki Bansi Bajana

चैन की बंसी बजाना मुहावरे का अर्थ

Chain ki Bansi Bajana Muhavre Ka Arth – चैन की बंसी बजाना मुहावरे का अर्थ होता है चिंता मुक्त होना, चिंता मुक्त होकर जीवन जीना।

चैन की बंसी बजाना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Chain ki Bansi Bajana Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: आज कक्षा में शिक्षक ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी वार्षिक परीक्षा पर ध्यान दें क्योंकि परीक्षा बहुत नजदीक है और परीक्षा के बाद गर्मी की छुट्टियों में चैन की बांसुरी बजाना।

#2. वाक्य प्रयोग: केदार अपनी प्रतियोगी परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और वह जल्द से जल्द प्रतियोगी परीक्षा पास करना चाहता है जिसके बाद वह चैन की बांसुरी बजा सकेगा।

#3. वाक्य प्रयोग: सुहास अपने जीवन में जल्द से जल्द ढेर सारा पैसा कमाने का लक्ष्य हासिल करना चाहता है जिसके बाद वह चैन की बांसुरी बजाना चाहता है।

#4. वाक्य प्रयोग: शामलाल ने अपनी दोनों बेटियों की शादी अच्छे से कर दी है, जिसके बाद वह अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं और अब चैन की बांसुरी बजा रहे हैं।

#5. वाक्य प्रयोग: सभी भेड़ों को चारा-पानी देने के बाद गुरखी अब पेड़ के नीचे बैठकर शांति की बंसी बजा रहा है।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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