चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Chadar Dekh Kar Pair Pasarna Muhavara)

Chadar Dekh Kar Pair Pasarna Muhavare Ka Matlab

चादर देखकर पाँव पसारना का अर्थ – Chadar Dekh Kar Pair Pasarna Muhavare Ka Matlab

चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थअपनी आमदनी क्षमता के अनुसार ही खर्च करना
Chadar Dekh Kar Pair Pasarna

चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ

Chadar Dekh Kar Pair Pasarna Muhavre Ka Arth – चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ है अपनी आमदनी क्षमता के अनुसार ही खर्च करना, जितनी अपनी क्षमता हो उतने में ही काम चलाना।

चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Chadar Dekh Kar Pair Pasarna Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: आयोजकों ने प्रतिभागियों को चादर देखकर पैर फैलाने की सलाह दी और कहा कि जितना हो सके उतना दौड़ें, नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है।

#2. वाक्य प्रयोग: भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्धा करने उतरे पाकिस्तान को अमेरिका ने चादर देखकर पैर फैलाने की सलाह दी है।

#3. वाक्य प्रयोग: अगर आलोक को चादर देख कर पैर फैलाना आता, यानी आमदनी से कम खर्च होता तो उसे घर नहीं बेचना पड़ता।

#4. वाक्य प्रयोग: हमें किसी भी कार्य की योजना अपनी क्षमता के अनुसार ही बनानी चाहिए, नहीं तो बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि चादर देखकर ही पैर फैलाना चाहिए।

#5. वाक्य प्रयोग: अभी गाड़ी चलाना सीख रहे सुरेश ने जब कहा कि वह अब लॉन्ग ड्राइव पर जाना चाहता हैं तो उसके पिता ने उसे चादर देखकर पैर फैलाने की सलाह दी।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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