१. यदि आदमी एक पल के लिए भी जिए तो भी उस पल को वह शुभ कर्म करने में खर्च करे. एक कल्प तक जी […]
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चाणक्य नीति ( हिंदी में ): बारहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Twelfth
१. वह गृहस्थ भगवान की कृपा को पा चुका है जिसके घर में आनंददायी वातावरण है. जिसके बच्चे गुणी है. जिसकी पत्नी मधुर वाणी बोलती […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): ग्यारहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Eleventh
१. उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बातें कोई पा नहीं सकता ये जन्मजात गुण हैं. 1. Generosity, pleasing address, courage and […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): दसवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Tenth
१. जिसके पास धन नहीं है वो गरीब नहीं है, वह तो असल में धनी है, यदि उसके पास विद्या है. लेकिन जिसके पास विद्या […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): नवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Ninth
१. तात, यदि तुम जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होना चाहते हो तो जिन विषयों के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): आठवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Eighth
१. नीच वर्ग के लोग दौलत चाहते है, मध्यम वर्ग के दौलत और इज्जत, लेकिन उच्च वर्ग के लोग सम्मान चाहते है क्योंकि सम्मान ही […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): सातवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Seventh
१. एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए… (१) उसकी दौलत खो चुकी है (२) उसे क्रोध आ गया है (३) […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): छठवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Sixth
१. श्रवण करने से धर्म का ज्ञान होता है, द्वेष दूर होता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और माया की आसक्ति से मुक्ति होती […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): पांचवा अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Fifth
१. ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए. दूसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए. पत्नी को पति की पूजा करनी चाहिए तथा दोपहर […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): चौथा अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Fourth
१. आचार्य चाणक्य के अनुसार निम्नलिखित बातें माता के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है….(१) व्यक्ति कितने साल जियेगा (२) वह किस प्रकार का काम […]
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