बिजली कैसे बनती है? Bijli kaise banti hai?

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Electricity क्या है? Electricity या बिजली कैसे बनती है? – पूरी जानकारी हिंदी में

Bijli kaise banti hai in Hindi – दोस्तों आज के समय में हमारे दैनिक जीवन और व्यवहारिक जीवन में बिजली का क्या महत्व है ये तो आप सभी जानते ही होंगे। बिजली के माध्यम से हम अपने सेल फोन, कंप्यूटर, टीवी, फ्रिज, लाइट, ए.सी. आदि चला सकते हैं। बिजली जो हमारे लिए इतनी महत्वपूर्ण है कि इसके बिना आज के समय में कोई भी काम करना बहुत मुश्किल हो गया है।

आज हर कार्य की सफलता के पीछे बिजली का अहम योगदान है। पूरे विश्व में बिजली का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। यहां तक कि विद्युत उत्पादन ने मानव विकास में भी सहायता की है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिजली का आविष्कार नहीं हुआ था बल्कि इसकी खोज की गई थी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आज के समय में बिजली के बिना हमारी जिंदगी कैसी होगी? क्या आप जानते हैं कि बिजली या Electricity कैसे बनाई जाती है और इसे आपके घरों तक कैसे पहुंचाया जाता है।

अगर आप नहीं जानते तो आज जान जायेंगे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि Electricity क्या है? Electricity या बिजली कैसे बनती है? इसके बारे में पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि बिजली (Electricity) क्या है?

Electricity या बिजली क्या है? What is Electricity in Hindi – ब्रह्मांड में सभी पदार्थ परमाणुओं से बने हैं और प्रत्येक परमाणु का एक केंद्र होता है जिसे नाभिक (Nucleus) कहा जाता है। इस नाभिक के चारों तरफ आवेशित कण यानि कि इलेक्ट्रॉन (Electrons), प्रोटॉन (Protons) और अनचार्ज पार्टिकल न्यूट्रॉन (Neutrons) परिक्रमा करते हैं।

जब कोई इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से दूसरे परमाणु में प्रवाहित होता है तो उसे विद्युत या बिजली (Electricity) कहते हैं, जो ऊर्जा का एक रूप है। दरअसल बिजली परमाणु का एक अंग है और बिजली आवेशित कणों (Charged particles) के प्रवाह से ही उत्पन्न होती है।

इलेक्ट्रिसिटी (Electricity) को हिंदी में बिजली या विद्युत भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की शक्ति (बल) है जिसे देखा नहीं जा सकता। 

बिजली को न तो छुआ जा सकता है और न ही देखा जा सकता है। यह चल या अचल इलेक्ट्रॉन्स (Electrons) या प्रोटॉन (Protons) से उत्पन्न होने वाली एक भौतिक घटना है।

बिजली (Electricity) या विद्युत कैसे बनती है?

आज के आधुनिक समय में हम किसी न किसी तरह से Electricity यानि बिजली पर निर्भर हैं। बिजली का निर्माण मुख्यतः हवा, सूर्य की किरणों, पानी, कोयले आदि के माध्यम से किया जाता है। 

बिजली उत्पन्न करने के लिए विद्युत जनरेटर (Electricity generator) का उपयोग किया जाता है। विद्युत जनरेटर एक उपकरण है जो ऊर्जा के एक रूप को बिजली (Electricity) में परिवर्तित करता है।

बिजली पैदा करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली विधियों में से एक है पानी। बिजली के उत्पादन में पानी का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। आपने भारत के सबसे ऊंचे “टिहरी बांध (Tehri Dam)” का नाम तो सुना ही होगा। बांध का मुख्य कार्य पानी का भंडारण करना और उस पानी से बिजली पैदा करना होता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Electricity generator का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। Electricity generator द्वारा ही ऊर्जा (Energy) को बिजली (Electricity) में परिवर्तित किया जाता है। आज के युग में विद्युत चुम्बकीय जनरेटर (Electromagnetic generator) में चुम्बक के स्थान पर विद्युत चुम्बक (Electromagnet) का प्रयोग किया जाता है।

देश और दुनिया में बिजली उत्पादन में बांधों का बहुत बड़ा योगदान है। इन डैम के अंदर जनरेटर (Generator) और टरबाइन (Turbine) स्थापित किए गए होते हैं। बांध के पानी का प्रवाह तेजी से छोड़ा जाता है और तेजी से छोड़ा गया पानी टरबाइन को बहुत तेजी से घुमाता है। इस टरबाइन के घूमने से इसमें लगा जनरेटर भी घूमने लगता है। जनरेटर के चलने से भारी मात्रा में बिजली का उत्पादन होने लगता है। बांध में लगे टरबाइन और जनरेटर बहुत उच्च क्षमता वाले होते हैं।

बिजली उत्पादन के तरीके (Vidyut Utpadan Ki Vidhiyan)

बिजली उत्पादन के मूल सिद्धांत की खोज माइकल फैराडे (Michael Faraday) ने 1820 और 1830 के दशक में की थी। तब विद्युत उत्पादन का कार्य विद्युतघरों (Power station) में किया जाता है। 

उन्होंने जो पहला बिजली जनरेटर बनाया, जिसका नाम फैराडे डिस्क (Faraday disk) था। वर्तमान समय में दुनिया में कई प्रकार के बिजली जनरेटर पाए जाते हैं, लेकिन अधिकांश जनरेटर 1831 में महान वैज्ञानिक माइकल फैराडे द्वारा की गई खोज पर  ही आधारित हैं।

फैराडे के अनुसार, जब किसी चुंबक को तार की कुंडली के अंदर घुमाया जाता है, तो विद्युत धारा (electric current) उत्पन्न होती है और यह धारा तार (wire) में प्रवाहित होती है।

वैसे तो बिजली बनाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है और यह आमतौर पर प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयला, हवा, सूरज की रोशनी और पानी आदि से निर्माण की जाती है।

हमारे घरों तक पहुंचने वाली बिजली दो प्रकार के स्रोतों से प्राप्त होती है। यदि हम प्राथमिक स्रोत की बात करें तो इसमें प्राकृतिक तत्व जैसे सूर्य की गर्मी/किरणें, हवा आदि शामिल हैं लेकिन इनसे नियमित ऊर्जा प्राप्त करना कठिन है।

हवा से बिजली का उत्पादन (Generation of electricity from wind)

बिजली का उत्पादन हवा द्वारा भी किया जाता है जिसे “पवन ऊर्जा उत्पादन (Wind power generation)” कहा जाता है। इस विधि में तेज हवा की सहायता से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

हवा (Air) एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Renewable energy source) है। Wind Turbine को Wind Mill या पवन चक्की भी कहा जाता है। तेज हवा के प्रवाह के कारण टरबाइन के ब्लेड घूमते हैं और इस पनचक्की में लगे जनरेटर द्वारा बिजली उत्पन्न की जाती है।

पवन चक्कियों का उपयोग आमतौर पर समुद्र के किनारे या ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में किया जाता है क्योंकि ऐसे स्थानों पर पवन चक्कियों से बिजली के उत्पादन के लिए हवा का निरंतर प्रवाह होता रहता है। ऊपरी क्षेत्रों या समुद्री क्षेत्रों में हवा नियमित रूप से चलती है।

इन्हें 80 से 100 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है। पवनचक्की के शीर्ष पर पीछे की ओर एनीमोमीटर (Anemometer ) लगा होता है, जिसकी सहायता से यह जानकारी मिलती है कि हवा किस दिशा में चल रही है और इसके कारण पवनचक्की से जुड़ी पंखुड़ियाँ हवा की दिशा में घूमने लगती हैं।

सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन (Electricity generation from solar power)

आधुनिक समय में बिजली के उत्पादन में सूर्य के प्रकाश का बहुत महत्व है। सौर ऊर्जा (Solar Power) से बिजली का उत्पादन ऐसे क्षेत्रों में अधिक होता है जहां इस विधि से लगातार सूर्य से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। 

सूर्य का प्रकाश हमें प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है और इसका उपयोग बड़े पैमाने पर बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। सूर्य भी एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Renewable energy source) है।

आप भी अपने घरों या दुकानों की छतों पर व्यक्तिगत रूप से सोलर पैनल स्थापित करके इस नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली का उत्पादन आसानी से कर सकते हैं। आप किसी बड़े क्षेत्र जैसे खेत आदि में भी सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plant) स्थापित करके बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।

सूर्य की किरणें बिजली उत्पादन के लिए प्रारंभिक तत्त्व (Raw material) का काम करती हैं। सौर पैनलों में सिलिकॉन सेल का उपयोग किया जाता है, जिसके कारण इसमें इलेक्ट्रॉनों की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस सिलिकॉन प्लेट पर इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को बिजली कहा जाता है। इस इलेक्ट्रॉन को करंट (Current) कहा जाता है और इस करंट को इन्वर्टर के माध्यम से DC या AC में परिवर्तित किया जाता है।

इसे स्थापित करने में अधिक लागत आती है, लेकिन एक बार स्थापित होने के बाद यह आपकी बिजली की खपत को काफी कम कर देता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह इलेक्ट्रिक ग्रिड पर आपकी निर्भरता को कम करता है यानी बिजली आपूर्ति न होने पर आपातकालीन स्थिति में आप इससे आसानी से बिजली प्राप्त कर सकते हैं।

इसके उपयोग से जल या वायु प्रदूषण नहीं होता है और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के साथ-साथ यह आपकी जेब खर्च भी कम करता है।

सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होती है क्योंकि इसमें सूर्य का प्रकाश बड़ी मात्रा में उपलब्ध होता है और सौर संयंत्र इस प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।

बिजली उत्पादन के द्वितीयक स्रोत

कोयला, तेल जैसे जीवाश्म ईंधन और प्राकृतिक गैस और पानी से भी बिजली का उत्पादन किया जाता है। हमारे घरों में आने वाली बिजली इन्हीं स्रोतों से बनती है। बिजली उत्पादन के अन्य स्रोतों को भी कई अन्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे –

  • ऊष्मा विद्युत (Thermal Power)
  • जल विद्युत (Hydro Power)
  • डीजल पावर (Diesel Power)
  • परमाणु शक्ति (Nuclear Power)

#1. ऊष्मा विद्युत (Thermal Power)

थर्मल पावर का उपयोग करके बिजली का उत्पादन निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है –

  • Pulverized Coal-Fired Power Generation – इस विधि में कोयले से बिजली का उत्पादन किया जाता है। कोयले से बिजली बनाने की प्रक्रिया में कोयले का उपयोग केवल जलाने के लिए किया जाता है, अर्थात यह केवल ईंधन के रूप में काम करता है। इस विधि में कोयले को पीसकर पाउडर बना लिया जाता है। जिसके बाद इसे बॉयलर में जला दिया जाता है। अब इस बॉयलर की गर्मी से पानी भाप में बदल जाता है। इस भाप के दबाव से स्टीम टरबाइन (Steam turbine) घूमती है जिससे जनरेटर से बिजली उत्पन्न होती है।
  • Combined Cycle Power Generation – इस विधि में ईंधन को compressed air में जलाया जाता है और उससे गैस उत्पन्न की जाती है। इस गैस के दबाव से गैस टरबाइन (Gas turbine) घूमने लगती है और इसमें लगे जनरेटर से बिजली पैदा की जाती है।
  • Integrated Coal Gasification Combined Cycle (IGCC) – इस विधि में कार्बन ईंधन का गैसीकरण (Gasification) किया जाता है। उच्च दबाव वाली गैस उत्पन्न करने के लिए गैसीकृत ईंधन को compressed air में जलाया जाता है। यहां compressed gas का दबाव टरबाइन को चलाता है और टरबाइन के घूमने से बिजली उत्पन्न होती है।

#2. जल (पानी) से विद्युत उत्पादन (Hydro Power)

बांधों का निर्माण मुख्यतः बिजली उत्पादन के लिए ही किया जाता है। दुनिया भर में बढ़ती मांग के कारण बिजली की खपत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बिजली की इस मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर बांधों का निर्माण किया जाता है।

जल विद्युत (Hydro Power) से विद्युत उत्पादन के लिए नदियों या ग्लेशियरों का पानी रोका जाता है जिसके लिए बाँध बनाये जाते हैं। इस एकत्रित पानी को एक ऊंचे स्थान से नीचे गिराया गया है, इस पानी से बांध में लगी टरबाइन घूमती है, टरबाइन के घूमने से जनरेटर चलने लगता है और इससे बिजली का उत्पादन होता है।

#3. डीज़ल (Diesel Power) से बिजली उत्पादन

इस विधि में डीजल इंजन (Diesel engine) का प्रयोग किया जाता है। डीजल जलाने पर घूर्णी ऊर्जा (Rotational energy) उत्पन्न होती है। डीजल इंजन की घूर्णी ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा (Electrical energy) में परिवर्तित किया जाता है।

#4. परमाणु ऊर्जा (Nuclear Power) से विद्युत उत्पादन

परमाणु ऊर्जा से बिजली के उत्पादन में यूरेनियम (Uranium) नामक रासायनिक तत्व का उपयोग किया जाता है। इस विधि में परमाणु का विखंडन (Fission) होता है, जिसके परिणामस्वरूप ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न होती है। परमाणु ऊर्जा से बिजली का उत्पादन 2 प्रकार से किया जाता है:

  1. Boiling Water Reactor (BWR) – इस विधि में Nuclear fusion से Reactor core में ऊष्मा पैदा की जाती है, जिससे पानी उबलता है और पानी से भाप उत्पन्न होती है। इस भाप के कारण टरबाइन घूमता है जिससे बिजली उत्पन्न होती है।
  2. Pressurized Water Reactor (PWR) – इस विधि में भी Boiling Water Reactor की तरह, Nuclear fusion द्वारा Reactor core में ऊष्मा उत्पन्न की जाती है। इस विधि में गर्म पानी को उबलने से पहले ही उच्च दबाव से दबाया जाता है। उच्च तापमान और दबाव वाले पानी को Steam generator में भेजा जाता है जहां पानी को उबाला जाता है और टरबाइन को घुमाने के लिए भाप का उपयोग किया जाता है और इससे बिजली का उत्पादन किया जाता है।

हमारे घर तक बिजली कैसे पहुंचाई जाती है?

आपको घरों, कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों या अस्पतालों में जो भी बिजली प्रदान की जाती है उसके लिए 3 प्रकार के बिजली उद्योग काम करते हैं।

  1. Power Producer: ऐसी सभी कंपनियां जो नवीकरणीय (Renewable) और गैर-नवीकरणीय (Non-renewable) ऊर्जा से बिजली उत्पादन का काम करती हैं (Torrent Power, Tata Power, Adani Power, NTPC आदि)।
  2. Power Transmission: वे सभी कंपनियां जिनका काम देश के हर राज्य की बिजली वितरण कंपनी को बिजली पहुंचाना है।
  3. Power Distribution: कपनियां जो हमारे घरों, कारखानों, स्कूलों, कार्यालयों में बिजली वितरित करती हैं (Tata Power, Adani Electricity, Torrent Power, UPPCL, SBPDCL, DHBVN, BSESDELHI आदि)।

FAQ: बिजली (Electricity) कैसे बनती है

Q – बिजली का उत्पादन कैसे होता है?
A – बिजली का उत्पादन परमाणु ऊर्जा, पवन चक्कियों और कोयला, पानी जैसे जीवाश्म ईंधन से किया जाता है।

Q – जल विद्युत (Hydro power) क्या है?
A – जलविद्युत या पनबिजली पानी से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में बांध बनाकर पानी की मदद से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

Q – बिजली उत्पादन के लिए किन विधियों का उपयोग किया जाता है?
A – बिजली के उत्पादन के लिए सूर्य की रोशनी, हवा, ऊर्जा जैसे प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग किया जाता है, साथ ही बिजली उत्पादन में कोयले का भी उपयोग किया जाता है।

Q – सूर्य के प्रकाश से बिजली कैसे उत्पन्न की जाती है?
A – सोलर पैनल की मदद से सूर्य की किरणों से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

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