भारत का नाम भारत कैसे पड़ा? Bharat naam kaise pada?

Bharat ka naam bharat kaise pada

Bharat ka naam bharat kaise pada? हमारे महान देश भारत का नाम अपनी विविधता और ऐतिहासिक परंपरा के साथ एक समृद्ध भूमि का प्रतीक है। भारतवर्ष का उल्लेख वेदों, पुराणों जैसे प्राचीन साहित्य और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। इन ग्रंथों में भारत को “भारत (Bharat)”, “भरतक्षेत्र (Bharat Kshetra)” आदि नामों से संबोधित किया गया है।

भारत का नाम इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के कारण पड़ा है। यह नाम भारतवर्ष नामक प्राचीन भारतीय संस्कृति के राजा भरत (King Bharata) के नाम पर आधारित है, जिन्होंने मानव जाति के पहले गणराज्य (Republic) की स्थापना की थी।

भारत शब्द का उल्लेख वेदों में भी किया गया है, जैसे कि ऋग्वेद (Rigveda) में इसका प्रयोग हुआ है। सम्राट अशोक (Emperor Ashoka) के समय में भी इस क्षेत्र का उल्लेख “भारतवर्ष (Bharatvarsha)” के रूप में मिलता है, क्योंकि सम्राट ने स्वयं इसे अपनी धम्म लिपि में लिखवाया था।

भारत नाम का भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान है, और यह नाम भारतीय उपमहाद्वीप को संदर्भित करता है, जिसमें भारत देश भी शामिल है।

“भारत” नाम राजा भरत के नाम पर आधारित है

ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जाता है कि भारत नाम संस्कृत शब्द “भारत” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “जो भारी है” या “भारी जनसंख्या वाला है”। यह नाम भारत के एक प्रमुख ऐतिहासिक राजा भरत (King Bharata) के नाम पर आधारित है, जिनका उल्लेख महाभारत और हिंदू पुराणों में मिलता है।

महाभारत के अनुसार भरत राजा दुष्यन्त (King Dushyanta) और शकुन्तला (Shakuntala) के पुत्र थे। व्यक्तित्व से वे पुरूषोत्तम एवं चक्रवर्ती सम्राट थे। उनके पुत्र का नाम आज के भारतवर्ष का नाम था, जिसके कारण इस क्षेत्र को “भारत” कहा जाने लगा।

यह नाम भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व को दर्शाता है और भारतीय सभ्यता के प्रतीक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

राजा भरत कौन थे?

महाकाव्य महाभारत के अनुसार राजा भरत भरत वंश के चक्रवर्ती सम्राट का नाम था जिनके पिता राजा दुष्यन्त और माता शकुन्तला थीं। उनकी कथा महाभारत के आदिपर्व (आदि कांड) में विस्तार से वर्णित है।

भरत की माता शकुंतला थीं, जो ऋषि कण्व की शिष्या थीं। भरत का जन्म वनवास के दौरान हुआ था, जब उनकी मां शकुंतला को ऋषि दुर्वासा ने अपने पति राजा दुष्यंत के वियोग में वन्य जीवन जीने का श्राप दिया था। भरत का नाम उनके जन्म के समय ही माता शकुंतला ने रखा था।

भारत देश के विविध नामकरण

भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत के कारण इस देश के नामकरण में भी भिन्नताएं हैं। भारत को अलग-अलग समय में अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है और यहां कुछ मुख्य उदाहरण दिए गए हैं:

भारत (Bharat): यह हमारे देश का सबसे प्रमुख और आधिकारिक नाम है, जिसका उल्लेख भारत के संविधान में देश के नाम के रूप में अनुच्छेद 1 में किया गया है।

भारतवर्ष (Bharatvarsha): यह नाम देश के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है, और इसका अर्थ है “भरत (राजा) की भूमि”।

आर्यावर्त (Aryavarta): यह नाम प्राचीन काल के भारतीय उपमहाद्वीप को संदर्भित करता है, और इसका अर्थ है “आर्यों द्वारा बसाई गई भूमि”।

जम्बुद्वीप (Jambudweep): भारत की पुरानी धार्मिक और पौराणिक कथाओं में इस नाम का प्रयोग उपमहाद्वीप को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।

भारतखण्ड (Bharatkhand): इस नाम से देश को एक क्षेत्र के रूप में दर्शाया जाता है।

नागरी (Nagari): नागरी नाम का प्रयोग कविता और लिखित साहित्य में किया जाता है और यह भारत की संस्कृति को दर्शाता है।

हिन्दुस्तान (Hindustan): यह नाम भारत के इतिहास में प्राचीन काल से उपयोग में आता रहा है और इसका अर्थ है “हिंदुओं की भूमि”।

ये तो भारत के कुछ उदाहरण हैं, लेकिन भारतीय सांस्कृतिक विविधता के कारण और भाषाओं, राज्यों, समुदायों के आधार पर भारत को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। भारत देश को हिंद, अल-हिंद, ग्यागर, फाग्युल, तियानझू, होडु आदि नामों से भी पहचाना जाता है।

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