अटकेगा सो भटकेगा का अर्थ – Atkega So Bhatkega Muhavare Ka Matlab
अटकेगा सो भटकेगा मुहावरे का अर्थ | अगर आप लंबे समय तक किसी दुविधा या सोच में पड़ जाते हैं तो वह काम अधूरा रह जाता है। |
अटकेगा सो भटकेगा मुहावरे का अर्थ
Atkega So Bhatkega Muhavre Ka Arth – अटकेगा सो भटकेगा मुहावरे का अर्थ है की अगर आप लंबे समय तक किसी दुविधा या सोच में पड़ जाते हैं तो वह काम अधूरा रह जाता है।
जो व्यक्ति सोच-विचार कर दुविधा में पड़ा रहता है, उसका काम अधूरा ही रह जाता है क्योंकि जब हम किसी काम के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं तो हमारा फैसला यही होता है कि हम वह काम नहीं कर पा रहे हैं।
हमें सोच विचार के काम तो करना चाहिए, लेकिन ज्यादा सोचने के कारण हम उस काम को करने से पीछे हट जाते हैं और उस काम को अधूरा छोड़ देते हैं। इसलिए हमें सोचना-विचारना चाहिए लेकिन ज्यादा सोच-विचार में नहीं पड़ना चाहिए, इसीलिए कहा जाता है कि अटकेगा सो भटकेगा।
अटकेगा सो भटकेगा मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Atkega So Bhatkega Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: विशाल के पिता ने युवावस्था में ही बिजनेस करने का प्लान बनाया था, लेकिन नौकरी से होने वाली कमाई के लालच में उनका बिजनेस का सपना सपना ही रह गया, अटकेगा सो भटकेगा।
#2. वाक्य प्रयोग: कक्षा के सभी छात्र खेल प्रतियोगिता के लिए मैदान में पहुंच गए लेकिन गणेश अपना बचा हुआ होमवर्क पूरा करने में व्यस्त हो गया जिसके कारण वह किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सका क्योंकि अटकेगा सो भटकेगा।
#3. वाक्य प्रयोग: दिल्ली जाने वाली आखिरी ट्रेन स्टेशन पर आ चुकी थी और ट्रेन छूटने ही वाली थी कि विक्की भैया सिगरेट की तलब मिटाने के लिए स्टेशन से बाहर निकले और इसी बीच उनकी ट्रेन छूट गई आखिर अटकेगा सो भटकेगा।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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