अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Apni Khichdi Alag Pakana Muhavara)

Apni Khichdi Alag Pakana Muhavare Ka Matlab

अपनी खिचड़ी अलग पकाना का अर्थ – Apni Khichdi Alag Pakana Muhavare Ka Matlab

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थअलग-थलग रहना
Apni Khichdi Alag Pakana

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ

Apni Khichdi Alag Pakana Muhavre Ka Arth – अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ है सबसे अलग-थलग रहकर काम करना, लोगों से अलग-थलग रहना, अपनी समस्याओं में किसी को शामिल न करना, अपनी ही दुनिया में रहना।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Apni Khichdi Alag Pakana Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: जब क्रांतिकारी पुरे देश के आजादी के लिए लड़ रहे थे तब देश के कुछ राजा-महाराजा अपनी खिचड़ी अलग से पकाने में व्यस्त थे। 

#2. वाक्य प्रयोग: सत्ता पक्ष में सब कुछ ठीक चल रहा है, फिर भी एक नेता विपक्ष से हाथ मिलाकर अपनी खिचड़ी अलग पकाने की तैयारी में हैं।

#3. वाक्य प्रयोग: न जाने क्यों राजेश क्लास में होते हुए भी अपने में ही खोया रहता है, हमेशा अपनी खिचड़ी अलग पकाते रहता है।

#4. वाक्य प्रयोग: आजकल मोहन अपनी खिचड़ी अलग पकाता रहता है, लगता है वह हमारी फुटबॉल टीम से बाहर होना चाहता है।

#5. वाक्य प्रयोग: यहां हम सभी छात्र पढ़ाई की बात करते हैं, लेकिन अपनी खिचड़ी अलग पकाने वाला प्रवीण किसी से बात नहीं करता।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

😏😒 हिंदी भाषा के सभी मुहावरे (लोकोक्तियां) पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 😞😔

——————————//