अपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा का अर्थ – Apanee ganth paisa to, Paraya aasara kaisa Muhavare Ka Matlab
अपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा मुहावरे का अर्थ | यदि मनुष्य स्वयं सक्षम है तो वह किसी दूसरे पर निर्भर क्यों रहेगा, जब हम स्वयं कोई भी कार्य करने में सक्षम हैं तो फिर दूसरों पर निर्भर क्यों रहे। |
अपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा मुहावरे का अर्थ
Apanee ganth paisa to, Paraya aasara kaisa Muhavre Ka Arth – अपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा मुहावरे का अर्थ है की यदि मनुष्य स्वयं सक्षम है तो वह किसी दूसरे पर निर्भर क्यों रहेगा, जब हम स्वयं कोई भी कार्य करने में सक्षम हैं तो फिर दूसरों पर निर्भर क्यों रहे।
अपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Apanee ganth paisa to, Paraya aasara kaisa Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: भारत खाद्यान्न उत्पादन में इतना आत्मनिर्भर है कि हमें किसी अन्य देश से खाद्यान्न आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि अपनी गांठ पैसा तो पराया आश्रय कैसा।
#2. वाक्य प्रयोग: सोहन स्वयं इतना सक्षम है कि वह अपने दम पर पूरा पहाड़ चढ़ सकता है, फिर वह किसी अन्य पर्याय पर निर्भर क्यों रहेगा, इसे कहते हैं दृढ़ विश्वास कि अपनी गांठ पैसा तो पराया आश्रय कैसा।
#3. वाक्य प्रयोग: आनंद ने अपने बिजनेस के दम पर एक बड़ी कार खरीदी है, उन्हें किसी से कर्ज या उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ी, ऐसे परिस्थिति में ही कहा जाता है कि अपनी गांठ पैसा तो पराया आश्रय कैसा।
#4. वाक्य प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी विशेष कार्य को करने में सक्षम हो जाता है तो उसे किसी अन्य व्यक्ति की मदद लेने या उस पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है और ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि अपनी गांठ पैसा तो पराया आश्रय कैसा।
#5. वाक्य प्रयोग: सीता पढ़ाई में इतनी तेज है कि उसे किसी कोचिंग क्लास की जरूरत नहीं है, वह अपने दम पर अपनी क्लास में टॉप कर सकती है, ऐसे में कहा जाता है कि अपनी गांठ पैसा तो पराया आश्रय कैसा।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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