अमूल (Amul brand) के बारे में हिंदी में जानकारी – Information about the Amul brand in Hindi

अमूल (Amul brand) के बारे में हिंदी में जानकारी - Information about the Amul brand in Hindi

Amul brand information in Hindi – आप में से शायद ही कोई होगा जिसने अमूल का नाम नहीं सुना होगा. आपने भी कभी न कभी अमूल का बना कोई प्रोडक्ट जरूर ही खरीदा होगा.

अमूल कंपनी द्वारा भारत के लगभग सभी छोटे और बड़े शहरों में दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति की जाती है, इसलिए हमारे देश भारत में लगभग सभी लोग अमूल कंपनी से परिचित हैं.

अमूल, भारत देश में दूध और विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों का सबसे बड़ा निर्माता है. आज के समय में ये नाम आपको दूध डेयरी (Milk dairy) की हर दुकान में देखने को मिल जाएगा.

Amul का फुल फॉर्म क्या है? अमूल (Amul) आज इतना मशहूर होने के बावजूद कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें अमूल के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी और कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें Amul Ka Full Form भी नहीं पता होगा.

इसलिए आप इस लेख को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें ताकि आपको अमूल के बारे में सारी बातें पता चल सकें और अगर कोई आपसे अमूल के बारे में सवाल पूछता है तो आप उसे आसानी से सब कुछ बता सकते हैं.

तो आइए जानते हैं Amul का full form क्या है? Meaning, “अमूल” ब्रांड क्या है? और इससे जुड़ी सारी जानकारी.

Amul Ka Full Form क्या होता है? What is the full form of Amul? 

अंग्रेजी में अमूल का फुल फॉर्म होता है – “Anand Milk Union Limited”.

A – Anand

M – Milk

U – Union

L – Limited

हिंदी में “अमूल” का फुल फॉर्म “आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड” है.

A – आनंद

M – मिल्क

U – यूनियन

L – लिमिटेड

Amul क्या है? (Amul kya hai?)

अमूल भारत में गुजरात राज्य के खैरा जिले के एक छोटे से शहर आणंद में स्थापित देश का एक बहुत प्रसिद्ध ब्रांड है, जो दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति करता है.

अमूल एक सहकारी दुग्ध उत्पादक डेयरी कंपनी (Cooperative milk-producing dairy company) है और देश भर में इसके 30 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादन केंद्र हैं.

आज, अमूल पूरे भारत में दूध और दूध उत्पादों जैसे दही, घी, मक्खन, मिठाई आदि का सबसे बड़ा उत्पादक है.

अमूल संस्थान में न केवल दूध का उत्पादन होता है, बल्कि वहां का अनुसंधान विभाग अच्छी नस्ल की गाय-भैंस का प्रजनन, बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण, पशुओं के लिए पौष्टिक भोजन तैयार करना आदि कार्य भी कर रहा है.

अमूल कंपनी ने छोटे-छोटे गांवों में रहने वाले पुरुषों और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया है, इसने छोटे गांवों के पुरुषों और महिलाओं को एक लघु उद्यमी के रूप में सशक्त बनाने का प्रयास किया है.

वर्तमान में AMUL एक प्रसिद्ध भारतीय ब्रांड है, जिसका प्रबंधन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा किया जाता है. गुजरात में, यह संयुक्त रूप से 30 लाख से अधिक दूध उत्पादकों के स्वामित्व में है.

भारत में श्वेत क्रांति (White revolution) लाने का सबसे बड़ा श्रेय भी इसी अमूल संगठन को जाता है.

अमूल की स्थापना कब हुई थी? When was Amul established?

अमूल (Amul) की स्थापना 1946 में गुजरात राज्य के खैरा जिले के एक छोटे से शहर आनंद (Anand) में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) के मार्गदर्शन में श्री त्रिभुवनदास पटेल (Shri Tribhuvandas Patel) द्वारा की गई थी.

डॉ. वर्गीज कुरियन (Dr. Verghese Kurien) को इसके संस्थापक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. वह 1950 में अमूल में शामिल हुए और अपनी व्यावसायिक कौशल और दक्षता के साथ इसे एक शक्तिशाली और सफल कंपनी में रूपांतरित कर दिया.

अमूल कंपनी की स्थापना ऐसे समय में हुई थी जब देश में श्वेत क्रांति (White Revolution) का आरंभ हो चूका था और इस श्वेत क्रांति का लक्ष्य भी भारत में सबसे बड़े डेयरी उद्योग को विकसित करने में मदद करना था.

डॉ. वर्गीज कुरियन को अमूल कंपनी शुरू करने और इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम करना पड़ा था और इसी मेहनत और लगन का नतीजा है कि 1990 के दशक में भारत एक दूध आयातक से दूध निर्यातक देश बन गया.

डॉ. वर्गीज कुरियन का निधन 9 सितंबर 1912 को गुजरात राज्य के आणंद शहर के पास नंदयाल शहर में हुआ था.

अमूल का गौरवशाली इतिहास? History of Amul?

1940 के दशक में, व्यापारियों और दलालों और शोषक व्यापार प्रथाओं द्वारा सीमांत दूध उत्पादकों के शोषण से त्रस्त, गुजरात के स्थानीय किसानों ने जोरदार विरोध किया और एक सहकारी आंदोलन शुरू किया.

वहां स्थानीय नेता श्री त्रिभुवनदास पटेल ने तत्कालीन उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से संपर्क किया और उन्हें राज्य की इस भयानक समस्या से अवगत कराया.

1946 में किसान हड़ताल पर चले गए और इसका असर दूध उत्पादन पर पड़ने लगा. इस समस्या को देखते हुए मोरारजी देसाई (Morarji Desai) और त्रिभुवनदास पटेल जैसे नेताओं के मार्गदर्शन में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रोत्साहन और प्रेरणा से किसानों ने एक सहकारी संगठन का गठन किया.

इस सहकारी संस्था का नाम “Kaira District Cooperative Milk Producers Union Limited” रखा गया. अपने शुरुआती दिनों में यह केवल दो गांवों की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़ा था और केवल 247 लीटर दूध के साथ शुरू किया गया था.

अब किसानों के पास अपनी डेयरी थी. डेयरी का प्रबंधन किसानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता था और प्रतिनिधि सहकारी किसानों की जरूरतों और मांगों के प्रति बहुत संवेदनशील थे.

इसे देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने किसानों के हित में सोचा कि क्यों न इस सहकारी समिति को राष्ट्रीय डेयरी विकास नीति का आधार बनाया जाए.

इस विचार को साकार करने के लिए उन्होंने इस डेयरी को संचालित करने और इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए पेशेवर और जानकार लोगों को नियुक्त किया.

बाद में इस सहकारी समिति को “Amul” और इसके मॉडल को “Amul Model” के रूप में जाना जाने लगा.

वर्ष 1965 में “Amul Model” को अधिक व्यापक रूप देने के लिए और अपने मूल उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, “राष्ट्रीय विकास डेयरी बोर्ड (National Development Dairy Board)” का गठन किया गया और डॉ. वर्गीज कुरियन को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया.

“अमूल” को इसका नाम कैसे मिला? How did “Amul” get its name?

हालांकि अमूल की शुरुआत 1946 में हुई थी, लेकिन 1954 में इस कंपनी ने मिल्क पाउडर (Milk powder) लॉन्च किया था और इस मिल्क पाउडर को बाजार में लाने के लिए इसे एक नाम देना जरूरी था.

जब इस मिल्क पाउडर को बाजार में बेचने की बात आई तो कंपनी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों से सुझाव मांगे गए , तब उनमें से एक कर्मचारी ने संस्कृत भाषा का “अमूल्य (Amulya)” नाम सुझाया.

यह सुझाव सभी को पसंद आया और फिर सर्वसम्मति से इस नाम की पुष्टि हुई.

इसकी शुरुआत AMULYA के नाम से ही हुई थी लेकिन बाद में इस कंपनी के मैनेजर ने “YA” को “AMULYA” से हटा दिया और इस कंपनी का नाम AMUL हो गया.

क्योंकि यह दुग्ध सहकारिता आणंद गांव से चल रही थी और अमूल्य नाम Anand Milk Union Limited से काफी मिलता-जुलता था लेकिन इसमें YA अक्षर का कोई अर्थ नहीं था, जिसके कारण नाम से YA हटा दिया गया था.

Amul का business model क्या है?

Amul business model को “Anand Model” के नाम से भी जाना जाता है और अमूल का यह बिजनेस मॉडल तीन स्तरों पर काम करता है.

1. ग्राम स्तर (Village Level) – अमूल कंपनी ने अपने उत्पादों को हर छोटे से गांव में बिक्री के लिए ले जाने के लिए हर गांव स्तर पर ग्राम सहकारी समितियों की स्थापना की है और ये समितियां हर गांव में अमूल उत्पादों की आपूर्ति करती हैं.

2. जिला स्तर (District Level) – प्रत्येक जिला स्तर पर एक दुग्ध संघ है जो अपने जिला स्तर पर जिला सहकारी समितियों की स्थापना करके अमूल दूध की आपूर्ति कर सकता है और ये समितियां अपने ग्राम स्तर पर ग्राम सहकारी समितियों से जुड़ी हैं.

3. राज्य स्तर (State Level) – राज्य स्तर पर राज्य सहकारी समितियों द्वारा सभी जिलों से जुड़ी समितियों को दूध की आपूर्ति की जाती है, ये सहकारी समितियां जिला स्तर से जुड़ी होती हैं.

Amul Company के इस business model ने भारत को दुनिया में सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद की है.

अमूल की सफलता की पहचान बनी “अमूल गर्ल” – The Story of the Amul Girl

अमूल के विज्ञापन भी काफी लोकप्रिय रहे हैं और अमूल दूध की तरह सुर्खियों में भी रहे हैं. अमूल के हर उत्पाद और विज्ञापन में दिखने वाली “अमूल गर्ल (Amul Girl)” को तो पूरी दुनिया जानती है.

“Amul Girl” का चित्र 1966 में DaCunha Communications के निदेशक “यूस्टेस फर्नांडीस (Eustace Fernandes)” द्वारा चित्रित किया गया था.

आपको यह जानकर खुशी होगी कि सबसे “लंबे समय तक चलने वाले विज्ञापन” का Guinness Book of World Record अमूल विज्ञापन के नाम है.

अमूल के मुख्य उत्पाद क्या हैं? What are the main products of Amul?

अमूल कंपनी द्वारा निर्मित मुख्य उत्पादों की सूची इस प्रकार है –

  • दूध (Milk)
  • दही (Dahi)
  • घी (Ghee)
  • ताजा मलाई (Fresh Cream)
  • आइसक्रीम (Ice Cream)
  • गुलाब जामुन (Gulab jamun)
  • दूध पाउडर (Milk Powder)
  • अमूल खट्टा क्रीम (Amul Sour Cream)
  • चॉकलेट (Chocolate)
  • चीज़ (Cheese)
  • पनीर (Paneer)
  • पंचामृत (Panchamrit)
  • पेय उत्पाद (Beverage Range)
  • बेकरी उत्पाद (Bakery Products)
  • अमूल मवेशी चारा (Amul Cattle Feed)

FAQ – Amul के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q: Amul का फुल फॉर्म क्या है?

Ans: Amul का फुल फॉर्म “Anand Milk Union Limited“ है.

Q: Amul कंपनी के संस्थापक कौन हैं?

Ans: अमूल के संस्थापक डॉ. वर्गीज कुरियन और त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल हैं. अमूल की स्थापना 1946 में भारत के गुजरात राज्य के एक गाँव “आनंद” में डॉ वर्गीस कुरियन द्वारा की गई थी.

Q: Amul के CEO का क्या नाम है?

Ans: अमूल के CEO का नाम आर.एस. सोढ़ी (R.S. Sodhi) है और वे 30 जून 2010 से अमूल के CEO के पद पर हैं.

Q: Amul किस देश की कंपनी है?

Ans: अमूल एक भारतीय कंपनी है.

Q: Amul कंपनी की स्थापना कब हुई थी?

Ans: अमूल कंपनी की स्थापना साल 1946 में हुई थी.

Q: Amul का मुख्यालय कहां स्थित है?

Ans: अमूल का मुख्यालय “आनंद” में स्थित है. आनंद भारत के गुजरात राज्य के खैरा ज़िले में स्थित एक छोटा सा शहर है.

Ans: Amul की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?

Ans: अमूल की आधिकारिक वेबसाइट www.amul.com है.

आज की इस पोस्ट में हमने Amul के बारे में बहुत कुछ सीखा है, हमने Amul ka full form, Amul in hindi, Amul meaning in hindi, Amul full form in hindi, Amul क्या है, Amul का मालिक कौन है आदि के बारे में बात की है.

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