चीन ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में दो अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं. अमेरिका के बाद, चीन चंद्रमा की सतह पर अपना झंडा लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है. वहीं, चीनी वैज्ञानिकों ने कृत्रिम सूरज बनाने का दावा पेश किया है.
चीन के कृत्रिम सूर्य की वास्तविकता क्या है? What is the reality of China’s artificial Sun?
चीन ने परमाणु शक्ति द्वारा संचालित एक कृत्रिम सूर्य विकसित कर लिया है. चीन का यह कृत्रिम सूर्य एक परमाणु फ्यूजन रिएक्टर (Nuclear Fusion Reactor) है जिसे HL-2M Tokamak रिएक्टर कहा जाता है. भीषण गर्मी और शक्ति के कारण इसे “कृत्रिम सूर्य” (Artificial Sun) कहा जाता है.
चीन ने अपने परमाणु-संचालित कृत्रिम सूर्य HL-2M Tokamak रिएक्टर को 4 दिसंबर, 2020 को पहली बार सफलतापूर्वक सक्रिय किया और Fusion Reactor को एक संक्षिप्त परीक्षण के लिए कार्यान्वित किया गया था.
Nuclear Fusion Reactor के सफल परिक्षण को एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसका आविष्कार ऐसे समय में हुआ है जब दुनिया भर के देश परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित, स्वच्छ रूपों में बदलाव का प्रयास कर रहे हैं.
“कृत्रिम सूर्य” (Artificial Sun) निर्माण करने के पीछे चीन की महत्वाकांक्षा आने वाले वर्षों में चीन की ऊर्जा पूर्ति करना और Nuclear Fusion Reactor को ओर अधिक टिकाऊ बनाने की है.
“कृत्रिम सूर्य” का यह विकास क्यों महत्वपूर्ण है? Why is this development of the “artificial sun” important?
परमाणु ऊर्जा द्वारा संचालित कृत्रिम सूर्य न केवल चीन की सामरिक ऊर्जा जरूरतों को हल करने में मदद करेगा, बल्कि चीन की ऊर्जा और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के सतत विकास के लिए भी बहुत महत्व रखता है.
इसे बिल्कुल असली सूर्य की तरह डिजाइन किया गया है. यह सौर मंडल के बीच में किसी भी तारे की तरह ऊर्जा का भंडार प्रदान करेगा.
प्रत्येक ग्रह सूर्य से कितनी दूरी पर है? (How far away from the sun is each planet?)
जानिए चीन के ‘कृत्रिम सूर्य’ के बारे में ये महत्वपूर्ण बातें – Know these important things about China’s ‘artificial sun’
1. चीन का यह कृत्रिम सूर्य एक परमाणु फ्यूजन रिएक्टर (Nuclear Fusion Reactor) है जिसे HL-2M Tokamak रिएक्टर कहा जाता है. भीषण गर्मी और शक्ति के कारण इसे “कृत्रिम सूर्य” (Artificial Sun) कहा जाता है.
2. Nuclear Fusion Reactor चीन का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु सम्मिश्रण प्रयोगात्मक अनुसंधान उपकरण है.
3. चीनी वैज्ञानिकों का लक्ष्य उपकरण का उपयोग करके एक शक्तिशाली स्वच्छ ऊर्जा स्रोत को उजागर करना है.
4. रिएक्टर गर्म प्लाज्मा के एक निहित लूप में शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र निर्माण करके शक्ति उत्पन्न करता है, जो 150 मिलियन सेल्सियस से अधिक के तापमान तक पहुंच सकता है, और जो असली सूर्य की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक गर्म होता है.
5. मैग्नेट और सुपरकूलिंग तकनीक रिएक्टर को सम्मिलित रखती है.
6. चीन ने अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) परियोजना के साथ मिलकर परमाणु रिएक्टर विकसित किया है, जो की दर्जनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों का गठबंधन है.
Fusion क्या है? What is Fusion?
Fusion (संलयन) को ऊर्जा का ‘शक्ति स्वरूप’ भी माना जाता है, Fusion वह प्रक्रिया है जो सूर्य और सितारों को शक्ति प्रदान करती है. इस प्रक्रिया में हीलियम का एक परमाणु बनाने के लिए हाइड्रोजन के दो परमाणु एक साथ मिलते है या एकरूप बनते हैं. इस प्रक्रिया में, हाइड्रोजन का कुछ द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है.
कृत्रिम सूर्य बनाने की पृष्ठभूमि (Artificial sun background)
चीन का परमाणु शक्ति युक्त कृत्रिम सूर्य दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में स्थित है. इसे साउथवेस्टर्न इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स के वैज्ञानिकों ने चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन (China National Nuclear Corporation) के साथ मिलकर बनाया है. यह 2019 के अंत में ही पूरा हो गया था. चीनी वैज्ञानिक 2006 से Nuclear Fusion Reactor के छोटे स्वरूपों को विकसित करने के लिए कार्य कर रहे हैं.
फ्रांस में स्थित अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) के वैज्ञानिक भी अपने स्वयं के Nuclear Fusion अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे हैं. यह योजना, जो दुनिया की सबसे बड़ी आविष्कार योजना होगी, 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है.
“कृत्रिम सूर्य” पृथ्वी के लिए ऊर्जा स्रोत के विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है
HL-2M Tokamak को मुख्य रूप से परमाणु फ्यूजन के पीछे के विज्ञान को समझने और पृथ्वी पर ऊर्जा के नए विकल्प के रूप में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आने वाले समय में यह तकनीक स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो सकती है. दरअसल, इस समय परमाणु फ्यूजन के जरिए दुनिया में ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है. हालांकि, इससे उत्पन्न विषैला परमाणु कचरा मनुष्यों के लिए काफी खतरनाक है.
चीन ने आकाश में एक कृत्रिम चंद्रमा लगाने की भी योजना बनाई है.
चीन पहले ही आकाश में एक कृत्रिम चंद्रमा को प्रकाश के नए स्रोत के रूप में स्थापित करने की बात कर चुका है. इसके जरिए वैज्ञानिक रात में देश की सड़कों को रोशन करना चाहते हैं. इसके लिए कुछ बड़े उपग्रहों का इस्तेमाल किया जाएगा जो ऊर्जा की बचत भी करेंगे. इसे 2022 तक लॉन्च किया जा सकता है.
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