अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना का अर्थ – Akal ke piche lathi liye firna Muhavare Ka Matlab
अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का अर्थ | हमेशा मूर्खतापूर्ण कार्य करना, संवेदनहीन कृत्य करना |
अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का अर्थ
Akal ke piche lathi liye firna Muhavre Ka Arth – अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का अर्थ है हमेशा मूर्खतापूर्ण बातें कहना या करना, हर समय मूर्खतापूर्ण कार्य करना। जो लोग अपने जीवन में हमेशा बेवकूफी भरी बातें या कार्य करते हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि वे अपनी अक्ल के पीछे लाठी लेकर फिरते हैं।
अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Akal ke piche lathi liye firna Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: सुहास क्लास में भी पढ़ाई के अलावा हर समय बेवकूफी भरी हरकतें करता रहता है, ऐसा लगता है कि वह हमेशा अपनी अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरता है।
#2. वाक्य प्रयोग: आदित्य इतना गैरजिम्मेदार चपरासी है कि लोग उसे कोई भी जिम्मेदारी देने से कतराते हैं क्योंकि वह अक्ल के पीछे लड लिए फिरता है।
#3. वाक्य प्रयोग: मालिक ने अपने नौकर को एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन उसने एक मूर्खतापूर्ण काम किया जिसके कारण मालिक ने उससे कहा कि तुम अपनी अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते हो।
#4. वाक्य प्रयोग: पुराने सरपंच अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते थे, इसी कारण इस बार गांव के लोगों ने नया सरपंच चुना है।
#5. वाक्य प्रयोग: कुमार बचपन से ही अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरता है, यही कारण है की उसका कोई दोस्त नहीं है।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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