Agency Kaise Le In Hindi – किसी भी कंपनी की एजेंसी कैसे ले? दोस्तों आज की युवा पीढ़ी पैसा कमाने और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए अपने पारंपरिक तरीकों के अलावा कुछ नया और परिवर्तनात्मक करने की कोशिश कर रही है.
आज के युवा बहुत ही उद्यमी और दूरदर्शी विचार से अपने लिए नए आयाम खोजते हैं जिसमें वे अपना मनचाहा काम कर सकें और समय की कोई पाबंदी भी नहीं रहें, जैसे Freelancing, Startup business, आदि.
ऐसे में किसी famous company की agency के साथ जुड़कर एक distributor के रूप में आगे बढ़ना आपके उद्देश्य को सफल बनाने के लिए एक अच्छा business type साबित हो सकता है.
आज के competition के दौर में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा है जहां business में कोई competition न हो और प्रतिस्पर्धा के इस युग में किसी भी व्यवसाय में जल्द से जल्द सफलता प्राप्त करना कोई आसान कार्य भी नहीं है.
अगर आप जल्दी success पाना चाहते हैं तो किसी कंपनी की एजेंसी खोलना एक बेहतरीन business idea साबित हो सकता है.
Company agency खोलने के business idea को अपनाकर आप अपनी सफलता की संभावनाओं को अधिकतम कर सकते हैं.
ऐसे में अगर आप भी किसी कंपनी की agency / franchisee लेना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि किसी कंपनी की एजेंसी कैसे लें? एजेंसी कैसे प्राप्त करें? किसी एजेंसी में कितना निवेश करना पड़ता है? तो बस इस लेख को अंत तक पूरा पढ़े.
इस पोस्ट में हम आपको किसी कंपनी की एजेंसी कैसे लें? How to start a agency? How to get agency? की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आपको किसी भी कंपनी की एजेंसी लेने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
एजेंसी का क्या अर्थ होता है? What is the meaning of agency?
Agency kya hota hai? एजेंसी एक प्रतिष्ठित business type है जो एक विशेष सेवा प्रदान करती है. अक्सर, एजेंसियां अन्य नामांकित कंपनियों की ओर से काम करती हैं.
सरल भाषा में कहें तो एजेंसी एक प्रसिद्ध ब्रांडेड कंपनी के नाम से चलने वाला एक छोटा कार्यालय (outlet) होता है जहां संबंधित कंपनी के उत्पादों को स्टोर करके यहां से अन्य खुदरा विक्रेताओं या ग्राहकों को बेचा जाता है.
उदाहरण के लिए, आप advertising agencies, employment agencies या travel agencies से परिचित होंगे जो आपको सेवाएं प्रदान करती हैं.
अक्सर कुछ लोग पूछते हैं कि Distributor किसे कहते है?
जो लोग कंपनी की एजेंसी खोलते हैं और कंपनी के उत्पादों को खुदरा विक्रेताओं या ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, उन्हें “वितरक” या Distributor कहा जाता है.
कंपनियों को वितरकों और एजेंसियों की आवश्यकता क्यों होती है? Why do companies need distributors and agencies?
आम तौर पर, एक कंपनी निम्नलिखित कारणों से अपनी एजेंसी खोलती है –
- कंपनी अपने उत्पाद को ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचा सकती है.
- यह कंपनी के उत्पाद की बिक्री बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है.
- एजेंसी के माध्यम से कंपनी का कारोबार चलता रहता है और वे मुनाफा कमाते रहते हैं.
किसी कंपनी की एजेंसी या डीलरशिप लेने के फायदे – Advantages of taking agency or dealership of a company
Dealership या Distributor, Sales agent होते है जो स्वतंत्र रूप से काम करते है. इसके अलावा डीलरशिप या डिस्ट्रीब्यूटर होने के और भी कई फायदे हैं.
1) मुफ्त व्यापार प्रशिक्षण (Free business training):
किसी भी business को सफल बनाने के लिए उस व्यवसाय से संबंधित गतिविधियों के बारे में पूरी तरह से training लेना बहुत जरूरी होता है.
जब आप अपना खुद का कोई ऐसा business शुरू करते हैं जिसमें आप बिल्कुल नए होते हैं और आपको उस business का कोई अनुभव भी नहीं है तो उस बिजनेस को समझने और आगे बढ़ाने में काफी समय लग सकता है.
लेकिन एक एजेंसी लेने का पहला फायदा यह है कि आपको कंपनी के products और उनकी खरीद-बिक्री पर free training मिलता है.
कोई भी कंपनी अपनी एजेंसी के distributor को अच्छी ट्रेनिंग देती है ताकि उनका distributor कंपनी के products को लोकप्रिय बनाने और उसे अच्छी तरह से बेचने में अपना योगदान दे सके.
2) व्यवसाय में तेजी से वृद्धि (Rapid growth in business):
Agency business का दूसरा सबसे बड़ा फायदा व्यवसाय में तेजीसे परिणामकारक वृद्धि का होना है.
कंपनी का product थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन लोग ब्रांडेड चीजें लेना अधिक पसंद करते हैं, जिससे आपके business में अपने आप तेजी से ग्रोथ होती है.
3) ग्राहकों की उपलब्धि (Free customer base):
किसी भी व्यवसाय को स्थायी रूप से चलाने के लिए ग्राहकों की उपलब्धि (Customer achievement) आवश्यक है. आपके पास जितने अधिक ग्राहक होंगे, आप अपने business को उतना ज्यादा बढ़ा पाएंगे.
अपना खुद का business शुरू करने के बजाय, यदि आप किसी प्रतिष्ठित कंपनी की एजेंसी लेते हैं, तो आपको free customer base मिलता है क्योंकि कंपनी का नाम पहले से ही बाजार में एक “Brand” होता है, जिस पर लोगों का विश्वास बना हुआ है.
लेकिन अगर आप अपना खुद का स्वतंत्र व्यवसाय शुरू करते हैं तो आपको उसमें अपने ग्राहक बनाने होंगे और उनका विश्वास भी हासिल करना होगा.
4) कम जोखिम (Low risk):
लोगों को ब्रांडेड चीजों पर अधिक भरोसा होता है, इसलिए वे खुद आपकी एजेंसी में उत्पाद खरीदने आते हैं और आपको स्वतंत्र रूप से उत्पाद का Advertising और Marketing करने की भी आवश्यकता नहीं होती है.
इसका महत्वपूर्ण फायदा यह है कि आपके एजेंसी की product sale जारी रहेगी, जिससे आपका business चलता रहेगा, जिसका अर्थ है कि किसी कंपनी की एजेंसी खोलने में बहुत कम जोखिम होता है.
5) अधिक मुनाफा (More profit):
किसी लोकप्रिय कंपनी की एजेंसी लेने से आप न केवल product पर high-profit margin प्राप्त करते हैं, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और अधिक बिक्री से आप भारी मुनाफा भी कमा सकते हैं.
आमतौर पर एजेंसी के किसी भी उत्पाद को बेचने पर 10% या इससे ज्यादा का मार्जिन मिलता है. इसके अलावा किसी कंपनी की एजेंसी लेने के निम्नलिखित फायदे होते हैं –
- Product को बढ़ावा देने के लिए किसी तरह का promotion करने की जरूरत नहीं होती है.
- जबकि product की कीमत कंपनी द्वारा पहले से तय की जाती है, इस वजह से product की कीमत तय करने में कोई समस्या नहीं होती है.
- आपको product को व्यक्तिगत रूप से तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती है, कंपनी द्वारा स्वयं बनाया गया product (with accessories – यदि हो तो) के साथ उपलब्ध कराया जाता है.
- ब्रांड के नाम से कमाई इसलिए होती है क्योंकि लोगों का विश्वास ब्रांड को मिलता है.
किसी भी कंपनी की Agency / Dealership लेने से पहले बरतें ये सावधानियां
Precautions before becoming distributor / Dealership of any company – किसी भी कंपनी की Agency लेते समय या Distributor बनते समय हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि भविष्य में हमें किसी भी प्रकार का नुकसान न उठाना पड़े.
1) एजेंसी शुरू करने के लिए जगह (Place to start agency):
सबसे पहले यह जांच लें कि जिस जगह (location) पर आप एजेंसी शुरू करने की सोच रहे हैं क्या वह एजेंसी शुरू करने के लिए व्यावसायिक रूप से उपयुक्त स्थान है?
आप जहां भी एजेंसी शुरू करने जा रहे हैं, क्या उस स्थान पर लोगों की कोई आवाजाही है, भीड़भाड़ है और क्या उनके लिए आपकी एजेंसी तक पहुंचना आसान है.
2) निवेश के लिए पूंजीकरण (Capitalization for investment):
किसी एजेंसी को शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी दो बातों पर निर्भर करती है, पहला, आप किस स्तर की branded company के लिए एजेंसी शुरू करना चाहते हैं और आप किस product के लिए एजेंसी शुरू करना चाहते हैं.
आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि जिस कंपनी की एजेंसी आप शुरू करना चाहते हैं, उसमें कुल कितनी पूंजी लागत की जरूरत होती है. तय करें कि आप 2 से 10 लाख की सामान्य पूंजी वाली एजेंसी खोलना चाहते हैं या 25 लाख से 1 करोड़ तक की बड़ी पूंजी वाली एजेंसी खोलना चाहते हैं.
3) उद्योग का चयन करें (Select Industry):
Agency business में सफल होने के लिए आपको एक सही brand का चयन करना होगा, उन brands की तलाश करें जिनका market में अच्छा नाम हो और जिनके उत्पादों की मांग कभी कम नहीं होती.
4) Deposit return process:
कंपनी और उत्पाद का चयन करने के बाद आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि अगर किसी कारण से उत्पाद नहीं बेचा जाता है और एजेंसी बंद हो जाती है, तो कंपनी की deposit return process और policy क्या है.
5) Sales target:
कुछ कंपनियां अपने एजेंसी धारकों को product बेचने के लिए एक निश्चित time limit या product quantity target भी देती हैं, आपको किसी भी कंपनी की एजेंसी लेते समय कंपनी के sale target के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए.
6) कंपनी के नियम और शर्तें (Company’s terms and conditions):
किसी भी कंपनी की एजेंसी लेते समय सबसे महत्वपूर्ण बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह है कंपनी के नियम और शर्तें (terms and conditions). आपको कंपनी के terms and conditions से अवगत होना चाहिए ताकि आप जागरूक हो सकें और भविष्य में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
जहां तक संभव हो, कंपनी के नियम और शर्तों को समझने के लिए आपको अपने वकील (Lawyer) या कानूनी सलाहकार (Legal advisor) की मदद लेनी चाहिए.
7) एजेंसी चलाने के लिए समय अवधि निश्चित करें (Specify the time period for running the agency):
कंपनी के नाम की एजेंसी लेने के लिए अलग-अलग समय अवधि होती है. कोई कंपनी अपने नाम से 5 साल, कोई 10 साल या 20 साल और कोई जिंदगी भर के लिए एजेंसी देती है.
एजेंसी लेने से पहले यह तय करना फायदेमंद होगा कि आप जिस कंपनी की एजेंसी लेना चाहते हैं, उसे आप लॉन्ग टर्म के लिए शुरू करना चाहते हैं या एक निर्धारित समय तक ही शुरू रखना चाहते है.
8) सुरक्षा जमा राशि (Security money deposit):
आप जिस भी कंपनी की एजेंसी लेना चाहते हैं, इसके लिए आपको उस कंपनी में security money के रूप में कुछ पैसे जमा करने होंगे ताकि जब आप उन्हें किसी कारण से भुगतान करने में असमर्थ हों, तो वे इसका इस्तेमाल कर सकें और आपकी एजेंसी को जारी रख सकें.
आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षा राशि (security money) के रूप में आपसे कितना पैसा लिया जा रहा है.
9) अपनी रुचि को पहचानें (Identify your interest):
किसी कंपनी की एजेंसी लेते समय आपको इस बात का अंदाजा होना चाहिए कि आप किस प्रकार के product को बेचने में रुचि रखते हैं ताकि आप संबंधित उत्पाद को बेचने में बढ़चढ़कर भाग लें और आप इस काम का आनंद लें सकें तथा product बेचने में कोई समस्या न हो.
10) ब्रांड की मांग पर नज़र रखें (Keep track of brand demand):
आप जिस भी brand की एजेंसी शुरू करना चाहते हैं, सबसे पहले यह देखें कि बाजार में उस brand के product की मांग है या नहीं, ताकि यह पता चल सके कि इस brand की कंपनी की एजेंसी सफलतापूर्वक कारोबार कर पाएगी या नहीं.
11) उत्पाद की मांग पर नज़र रखें (Keep track of product demand):
बाजार में ब्रांड की मांग की जांच करने के बाद, अब इस बात का अध्ययन करें कि आप जिस कंपनी की एजेंसी शुरू करने जा रहे हैं, उसके किस product की सबसे अधिक मांग है ताकि product को जल्द से जल्द बेचा जा सके.
12) उत्पाद की गुणवत्ता (Product quality):
लोग अच्छी गुणवत्ता वाले product प्राप्त करने के लिए ही ब्रांडेड चीजें खरीदना पसंद करते हैं, इसलिए किसी कंपनी की एजेंसी लेते समय, आपको इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि कंपनी के product की गुणवत्ता विश्वसनीय है या नहीं.
जब उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी होती है, तो लोग स्वतः आकर्षित हो जाते हैं और बिक्री भी अधिक होती है.
13) Agency setup equipment:
किसी कंपनी की एजेंसी शुरू करते समय, आपको इस बात का अवलोकन करना चाहिए कि एजेंसी को स्थापित करने के लिए product के साथ किन अन्य उपकरणों की आवश्यकता होगी.
14) मानव-बल (Manpower):
किसी कंपनी के product के लिए एजेंसी प्राप्त करते समय, आपको यह भी अनुमान लगाना चाहिए कि कार्य के प्रकार और गुणवत्ता के आधार पर एजेंसी को संभालने के लिए कितने कर्मचारियों की आवश्यकता होगी.
अपने व्यवसाय के लिए सही एजेंसी कैसे चुनें? How to choose the right agency for your business?
Kisi company ki dealership kaise le in Hindi – किसी कंपनी की एजेंसी लेने या कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएं की जाती हैं-
1) कंपनी के स्थानीय प्रमुख से संपर्क करें (Contact with the local chief of the company):
आप जिस भी कंपनी की एजेंसी लेना चाहते हैं उसके लिए आप अपने जिले में उस कंपनी के स्थानीय प्रमुख से संपर्क कर सकते हैं. लोकल चीफ से आपको कंपनी की एजेंसी प्राप्त करने के लिए सभी जानकारी मिल जाएगी.
2) एजेंसी धारक से संपर्क करें (Contact with agency holder):
कंपनी की एजेंसी से संबंधित जानकारी के लिए आप उसी कंपनी के किसी अन्य एजेंसी धारक से संपर्क कर सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि वह एजेंसी धारक आपको अपना प्रतिस्पर्धी मानकर आपको सही जानकारी न दे.
3) ऑनलाइन आवेदन करें (Apply online):
आप जिस कंपनी की एजेंसी लेना चाहते हैं, उसकी official website पर जाएं और वहां आपको website के home page पर “Become Our Partner” का विकल्प दिखाई देगा, यहां से आपको कंपनी की एजेंसी लेने के लिए सभी आवश्यक जानकारी मिल जाएगी.
4) कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल करें (Call the company’s toll-free number):
एजेंसी लेने से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने का एक और आसान और सटीक तरीका सीधे कंपनी से बात करना और कंपनी के प्रतिनिधि (Representative) द्वारा एजेंसी लेने से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना है.
आपको कंपनी का toll-free number कंपनी की official website से भी मिल जाएगा. कंपनी के प्रतिनिधियों को ग्राहकों के प्रश्नों और पूछताछ को हल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है.
किसी कंपनी की Agency / Dealership कैसे प्राप्त करें? एजेंसी लेने की प्रक्रिया क्या है?
1) अपनी कंपनी/फर्म पंजीकृत करें (Register your company/firm):
भारत में कई प्रकार की Business Structures हैं. आप अपनी कंपनी को निम्नलिखित में से किसी भी रूप में पंजीकृत कर सकते हैं –
- Proprietorship Firm
- Limited Liability Partnership Firm
- Small Scale Company
- One Person Company
- Private Limited Company
2) जीएसटी नंबर प्राप्त करें (Get GST number):
अगर आप अपनी फर्म/कंपनी के product को देश में कहीं भी बिना किसी परेशानी के बेचना चाहते हैं तो इसके लेनदेन के लिए आपको GST number लेना होगा.
जीएसटी अधिनियम (GST Act) के अनुसार, यदि आपका आर्थिक कारोबार 40 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको GST के तहत registeration करने की आवश्यकता है.
3) अपने बिज़नेस प्रोफ़ाइल में सुधार करें (Improve your business profile):
आपकी Business profile और कुछ नहीं बल्कि आपके व्यावसायिक इतिहास और आपके पास मौजूद कौशल के बारे में सामान्य जानकारी का एक आलेख होता है.
आमतौर पर आप जैसे कई लोग कंपनी की एजेंसी लेने के लिए अप्लाई करते हैं, लेकिन उनमें से उन्हीं लोगों को चुना जाता है, जिनकी बिजनेस प्रोफाइल सबसे अच्छी होती है.
इसलिए आपको अपने बिजनेस प्रोफाइल पर सावधानीपूर्वक ध्यान देना होगा और इसे व्यवस्थित तरीके से बनाना होगा.
4) वित्तीय निवेश की जरूरत (Financial investment needed):
एक एजेंसी शुरू करने के लिए आपको बहुत सारी योजना और संकल्पना के साथ-साथ financial investment की भी आवश्यकता होती है. एजेंसी के प्रबंधन के लिए आपको कार्यालय (Office) और गोदाम (Godown) दोनों के लिए निवेश की आवश्यकता होगी.
वितरक (Distributor) कैसे बनें? इसके लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
किसी भी कंपनी की एजेंसी या डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने के लिए आपके पास निम्नलिखित व्यक्तिगत दस्तावेज होना अनिवार्य है-
- Address proof
- Ration card
- Electricity bill
- Bank account with passbook
- Photograph
- Email ID
- Phone number
इन सबके अलावा आपके पास business से जुड़े निम्नलिखित ID proof दस्तावेज भी होने चाहिए-
- TIN number and GST number
- Aadhar Card
- PAN card
- Voter card
किसी एजेंसी को लेने और शुरू करने के लिए कितना निवेश करना पड़ता है? How much does one have to invest to take up and start an agency?
किसी कंपनी की distributorship लेने के लिए आपको निवेश करने की जरूरत होती है, लेकिन यह निवेश आपके product पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की product एजेंसी लेना चाहते हैं.
जाहिर सी बात है कि अगर आप कोई Car agency शुरू करना चाहते हैं तो आपको उसमें बड़ी पूंजी लगाने की जरूरत होगी जबकि अगर आप कोई Bike agency शुरू करना चाहते हैं तो इस एजेंसी को Car agency से कम निवेश करना होगा.
एजेंसी के लिए लोन कैसे ले? Agency ke liye loan kaise milega?
अधिकांश लोगों के पास हुनर होने के बावजूद business करने के लिए पैसे नहीं होते हैं और इस कारण ये लोग पूंजी की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं.
अगर आपकी भी यही समस्या है तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका एक आसान सा उपाय भी है.
देश के युवाओं की इसी समस्या को देखते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 8 अप्रैल 2015 से “मेक इन इंडिया (Make in India)” के तहत लोन उपलब्ध कराने के लिए एक योजना शुरू की गई है, जिसे “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना – Pradhan Mantri MUDRA Yojana (PMMY)” नाम दिया गया है.
PMMY योजना के तहत, सभी बैंकों को आदेश दिया गया है कि जो युवा अपना खुद का business शुरू करना चाहते हैं, उन्हें कम से कम ब्याज पर bank loan प्रदान करें.
भारत की सबसे बेहतरीन 10 एजेंसियां – Top 10 agencies in India
भारत के 10 सुप्रसिद्ध एजेंसियों के नाम निम्नलिखित हैं:
- Patanjali Ayurveda
- Domino’s Pizza & Pizza Hut
- Ezeego One Travel and Tours Ltd.
- Mahindra First Choice Wheels Ltd.
- 3M Car Care
- Express Car Wash
- Delhi Paramedical & Management Institute
- Siyaram Silk Mills Ltd.
- Speak English Gym (SEG)
- Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana Franchise
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