अधजल गगरी छलकत जाय मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Adhjal Gagari Chhalkat Jaye Muhavara)

Adhjal Gagari Chhalkat Jaye Muhavare Ka Matlab

अधजल गगरी छलकत जाय का अर्थ – Adhjal Gagari Chhalkat Jaye Muhavare Ka Matlab

अधजल गगरी छलकत जाय मुहावरे का अर्थकेवल अज्ञानी व्यक्ति ही अपने ज्ञान का घमंड करते हैं, जिनके पास ज्ञान का अभाव होता है वही व्यक्ति पूर्ण ज्ञानी होने का दिखावा करते हैं।

अधजल गगरी छलकत जाय मुहावरे का अर्थ

Adhjal Gagari Chhalkat Jaye Muhavre Ka Arth – अधजल गगरी छलकत जाए का अर्थ यह है कि जिनके पास ज्ञान की कमी है, जो अधिक ज्ञान अर्जित नहीं करते, जिनके पास कम ज्ञान है, वे लोग अक्सर अपने ज्ञान का दिखावा करते हैं। दूसरों के सामने ऐसा दिखावा करते है मानो उनके जैसा विद्वान इस धरती पर कोई है ही नहीं। ऐसे लोग स्वयं को बहुत ज्ञानी समझते हैं और दूसरों को अज्ञानी समझकर अपना झूठा ज्ञान थोपते हैं।

अधजल गगरी छलकत जाए का अर्थ है कि जिस घड़े में पानी आधा होता है, वह अधिक छलकता है, यानी जहां ज्ञान कम होता है, वहां लोग खुद को विद्वान समझने की गलती करते हैं।

अक्सर देखा जाता है कि जो पूर्ण विद्वान होता है वह हर प्रश्न का उत्तर सोच-विचार कर देता है। जबकि अज्ञानी मनुष्य बिना सोचे-समझे ज्ञान का दिखावा करते हुए बहुत बक-बक करता है इसलिए दिखावा करता है।

बुद्धिमान व्यक्ति कम शोर करता है, अनावश्यक बातें नहीं करता और अपने ज्ञान की प्रशंसा नहीं करता, जबकि अज्ञानी व्यक्ति इसके विपरीत आचरण करता है।

अधजल गगरी छलकत जाय मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Adhjal Gagari Chhalkat Jaye Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: वैसे तो दिनेश एक बेतुका क्रिकेटर हैं, लेकिन क्रिकेट मैच के दौरान वो ऐसे रिव्यू देता हैं जैसे वो बहुत बड़ा खिलाड़ी हों, इसे ही कहते हैं अधजल गगरी छलकत जाए।

#2. वाक्य प्रयोग: विनोद एक बैंक चपरासी है लेकिन रुबाब एक बैंक मैनेजर की तरह दिखता है, इसे कहते हैं अधजल गगरी छलकत जाए।

#3. वाक्य प्रयोग: हमारे धोबी का बड़बोलापन ऐसा है जैसे अधजल गगरी छलकत जाए।

#4. वाक्य प्रयोग: श्रीकांत को 5000 की लॉटरी क्या लग गई, खुद को करोड़पति समझने लगा हैं, अधजल गगरी छलकत जाए।

#5. वाक्य प्रयोग: जब से मंगलदास पड़ित के पास शिक्षा लेकर आया है, तब से वह अपने को पूर्ण विद्वान मानने लगा है और सबको ज्ञान देता है, यही है अधजल गगरी छलकत जाए।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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