अभी दिल्ली दूर है मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Abhi Dilli Door Hai Muhavara)

Abhi Dilli Door Hai Muhavare Ka Matlab

अभी दिल्ली दूर है का अर्थ – Abhi Dilli Door Hai Muhavare Ka Matlab

अभी दिल्ली दूर है मुहावरे का अर्थलिया गया कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है
Abhi Dilli Door Hai

अभी दिल्ली दूर है मुहावरे का अर्थ

Abhi Dilli Door Hai Muhavre Ka Arth – अभी दिल्ली दूर है मुहावरे का अर्थ है जो काम हाथ में लिया है वह अभी पूरा होना बाकी है, काम अभी पूरा नहीं हुआ है, अभी कार्यसिद्धि नहीं हुयी है, कसर अभी बाकी है, अभीष्ट लक्ष्य दूर होना।

अभी दिल्ली दूर है मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Abhi Dilli Door Hai Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: भारत की उभरती अर्थव्यवस्था देश को महाशक्ति बनाने की दिशा में काम कर रही है, हालांकि दिल्ली अभी दूर है लेकिन उम्मीद पुरे जोर पर है।

#2. वाक्य प्रयोग: किसनलाल ने यह भी तय कर लिया है कि वह अपनी फसल किसे बेचेगा, जबकि अभी बारिश का मौसम शुरू हुआ है और अभी बुआई भी नहीं हुई है, यानी दिल्ली अभी बहुत दूर है।

#3. वाक्य प्रयोग: गौरव एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन उसने अभी 10वीं कक्षा पास की है, अभी उसे डॉक्टर बनने के लिए बहुत समय है, मतलब की अभी उसकी दिल्ली दूर है।

#4. वाक्य प्रयोग: हमें अपने सभी कर्तव्य ईमानदारी और मेहनत से निभाते रहना चाहिए चाहे हमारी दिल्ली कितनी भी दूर क्यों न हो।

#5. वाक्य प्रयोग: रीना एक अच्छी टीचर बनना चाहती है लेकिन उसने अभी 11वीं कक्षा पास की है, अभी उसके टीचर बनने में काफी समय है, अभी उसकी दिल्ली दूर है।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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