अब के बनिया देय उधार मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Ab ke baniya dey udhaar Muhavara)

Ab ke baniya dey udhaar Muhavare Ka Matlab

अब के बनिया देय उधार का अर्थ – Ab ke baniya dey udhaar Muhavare Ka Matlab

अब के बनिया देय उधार मुहावरे का अर्थजरूरत पड़ने पर आदमी सब कुछ स्वीकार कर लेता है, हर शर्त स्वीकार कर लेता है/ हर काम दबाव में करना पड़ता है/ स्वार्थी और असहाय व्यक्ति अवांछित कार्य भी करता है।

अब के बनिया देय उधार मुहावरे का अर्थ

Ab ke baniya dey udhaar Muhavre Ka Arth – अब के बनिया देय उधार मुहावरे का अर्थ है जरूरत पड़ने पर आदमी सब कुछ स्वीकार कर लेता है, हर शर्त स्वीकार कर लेता है/ हर काम दबाव में करना पड़ता है/ स्वार्थी और असहाय व्यक्ति अवांछित कार्य भी करता है।

अब के बनिया देय उधार मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Ab ke baniya dey udhaar Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: पाकिस्तान ने चीन से इतना कर्जा ले रखा है की अब पाकिस्तान को चीन की हर शर्त को स्वीकार करना पड़ रहा है, यही होता है अब के बनिया दे उधार।

#2. वाक्य प्रयोग: कक्षा में नियमित पढ़ाई नहीं करने के कारण मोहन को अब परीक्षा के लिए दिन-रात जागकर अतिरिक्त पढ़ाई करनी पड़ती है, यानि अब के बनिया देय उधार।

#3. वाक्य प्रयोग: हरिलाल की फैक्ट्री में मजदूरों ने हड़ताल कर दी हैं, जिसके कारण हरिलाल को अपनी फैक्ट्री में अकुशल मजदूरों को भी काम पर रखना पड़ता है और उन्हें दोगुना और तिगुना वेतन देना पड़ता है, इसे ही ‘अब के बनिया दे उधार’ कहा जाता है।

#4. वाक्य प्रयोग: मंगेश की गर्दन एक ऐसे व्यक्ति के पैरों के नीचे दबी हुई है, जहां मंगेश की अच्छाई उसकी बात मानने में ही है, भले ही वह इंसान कितना भी बुरा क्यों न हो, लेकिन मंगेश उसकी हां में हां मिलाने को मोहताज है, इसे कहते हैं अब के बनिया दे उधार।

#5. वाक्य प्रयोग: जब कुछ असामाजिक तत्व केदार के घर धमकाने आये तो मजबूरी में केदार के परिवार को उनकी सारी धमकियाँ स्वीकार करनी पड़ी, बिचारा केदार अब के बनिया दे उधार।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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