आटे के साथ घुन भी पिसता है का अर्थ – Aate ke saath ghun bhi pista hai Muhavare Ka Matlab
आटे के साथ घुन भी पिसता है मुहावरे का अर्थ | दोषी के साथ निर्दोष को भी सजा मिलती है |
आटे के साथ घुन भी पिसता है मुहावरे का अर्थ
Aate ke saath ghun bhi pista hai Muhavre Ka Arth – आटे के साथ घुन भी पिसता है मुहावरे का अर्थ है दोषी के साथ निर्दोषी को भी सज़ा मिलना, अपराधी के साथ निरपराधी भी दण्ड प्राप्त करता है, अपराधी के साथ निर्दोष को भी सजा मिलना।
आटे के साथ घुन भी पिसता है मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Aate ke saath ghun bhi pista hai Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: कक्षा के कुछ शरारती लड़कों ने पुस्तकालय में कुछ किताबें नष्ट कर दीं, जिसके कारण स्कूल प्रबंधक ने कक्षा के सभी छात्रों से इसकी भरपाई की, कहा जाता है कि आटे के साथ घुन भी पिसता है।
#2. वाक्य प्रयोग: कुछ लड़के सड़क पर बाइक रेसिंग कर रहे थे और फिसल गए और उनके साथ ही सड़क किनारे चुपचाप खड़ा गोलगप्पे वाला भी गिर गया, कहते हैं आटे के साथ घुन भी पिसता है।
#3. वाक्य प्रयोग: पतंग उड़ाते समय गली के सभी लड़को ने अपनी-अपनी पतंग खुद ही काट दी जो केशव के पतंग को भी अपने साथ काट कर ले गई, इसे ही कहते है आटे के साथ घुन भी पिस जाता है।
#4. वाक्य प्रयोग: पुलिस ने जुए के अड्डे पर छापेमारी की तो जुआरियों के साथ-साथ पुलिस ने चाय बेचने वाले छोटू को भी पकड़ लिया, जो सिर्फ चाय देने गया था, कहते है न कि आटे के साथ घुन भी पिस जाता है।
#5. वाक्य प्रयोग: जब शहर बारिश के पानी से भर गया तो नाले का बांध टूट गया, जिससे शहर में जमा पानी तो निकल गया, साथ ही कुछ झोपड़ियाँ भी बह गईं, ठीक ही कहा गया है कि आटे के साथ-साथ घुन भी पिस जाता है।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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