महिलाएं आटा गूंथ कर उस पर उंगलियों के निशान क्यों बनाती हैं? Why do women make fingerprints on the dough after kneading it?

महिलाएं आटा गूंथ कर उस पर उंगलियों के निशान क्यों बनाती हैं? Why do women make fingerprints on the dough after kneading it?

भारत में हमने अक्सर अपने घर में या दूसरों के घरों में देखा है कि जब भी महिलाएं आटा गूंथती हैं, तो वह उस पर अपनी उंगलियों के निशान बना देती है.

क्या आप जानते हैं आटे पर क्यों बनाये जाते हैं ये निशान? आखिर महिलाओं द्वारा आटे पर उंगलियों के निशान बनाने के पीछे क्या कारण हैं?

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि इसका कोई वैज्ञानिक कारण है या नहीं?

गूंथे हुए आटे पर महिलाओं द्वारा उंगलियों के निशान बनाने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, बल्कि हमारी एक प्राचीन मान्यता है.

दरअसल, हिंदू रीति-रिवाजों में अपने पूर्वजों और मृत आत्माओं को संतुष्ट करने के लिए “पिंडदान (Pind Daan)” की विधि बताई गई है. जब पिंडदान के लिए आटे की लोई (Dough ball) बनाई जाती है तो वह बिल्कुल गोल होती है. इस आटे की लोई को पिंड (Pind) कहते हैं.

आटे को इस तरह से गूंथने का आशय होता है कि यह गूंथा हुआ आटा पितरों के लिए है. ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार के आटे को देखकर पूर्वज किसी भी रूप में आकर इसे ग्रहण करते हैं. 

लेकिन जब हम अपने लिए और जीवित प्राणियों के लिए आटा गूंधते हैं, तो इसे गोल नहीं छोड़ते हैं, बल्कि उसमें उंगलियों के निशान बना दिए जाते हैं.

आटे पर उंगलियों के निशान इस बात का प्रमाण हैं कि यह आटा पूर्वजों के लिए नहीं बल्कि जीवित प्राणियों और इंसानों के लिए है.

अगर आटे पर उंगलियों के निशान बनाये जाते हैं, तो यह पिंड का रूप नहीं लेता है. बस यही कारण है कि गूंथे हुए आटे पर उंगलियों के निशान बना दिये जाते हैं.

वही पुराने जमाने की बात करें तो महिलाएं प्रतिदिन एक लोई पितरों के लिए, दूसरी गाय के लिए, और आखिरी लोई कुत्ते के लिए निकालती थीं. मैंने आज भी कई जगहों पर देखा है कि अगर घर में कोई व्यंजन या भोजन बनाया जाता है, तो उसका कुछ हिस्सा पहले पूर्वजों के लिए अलग रखा जाता है.

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