आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा का अर्थ – Aag khayega to angaar ugalega Muhavare Ka Matlab
आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा मुहावरे का अर्थ | बुरे कर्मों का फल भी बुरा ही मिलता है |
आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा मुहावरे का अर्थ
Aag khayega to angaar ugalega Muhavre Ka Arth – आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा मुहावरे का अर्थ है बुरे कर्मों का फल भी बुरा ही मिलता है।
आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Aag khayega to angaar ugalega Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद को बढ़ावा दिया है और आज वही आतंकवादी पाकिस्तान को लहूलुहान कर रहे हैं, आखिर आग खाने वाला तो अंगारे ही उगलेगा।
#2. वाक्य प्रयोग: मिठाई में मिलावट के मामले में सीबीआई ने शहर के एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी दुकान पर भी ताला जड़ दिया है, आखिर आग खाएंगे तो अंगारे उगलेंगे।
#3. वाक्य प्रयोग: जतिन जल्दी अमीर बनने के लालच में हमेशा बुरे कामों में लगा रहता है, जिसके कारण उसके खिलाफ कुछ गंभीर अपराध भी दर्ज किए गए हैं, आखिर आग खाएगा तो अंगार ही उगलेगा।
#4. वाक्य प्रयोग: कुन्दन अपने बुरे दोस्तों के साथ रहकर बुरे काम करने लगा है और इसका परिणाम उसे बुरा ही मिलेगा, उसकी माँ ने उसे लाख समझाया लेकिन वह बुरे काम ही करता है, कहते हैं न कि आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा।
#5. वाक्य प्रयोग: जिस नेता को जनता ने चुनाव जिताया था, उसने चुनाव जीतने के बाद जनता के लिए कोई सुविधाजनक काम नहीं किया, जिसके कारण अब जनता ने उस नेता को वोट नहीं देने का फैसला किया है, मतलब साफ है कि अगर वह आग खाएगा तो अंगारे उगलेगा।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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