आधा तीतर आधा बटेर का अर्थ – Aadha Teetar Aadha Bater Muhavare Ka Matlab
आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ | अधूरा ज्ञान, सुचारु रूप से न होना, बेमेल चीजों का मिश्रण, असंगत या बेढंगा होना। |
आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ
Aadha Teetar Aadha Bater Muhavre Ka Arth – दोस्तों तीतर और बटेर दो अलग-अलग पक्षी हैं जो अलग-अलग तरीके से अपना जीवन जीते हैं और दिखने में भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन जब तीतर और बटेर मिलकर एक जीव बनाते हैं तो यह अजीब या बेढंगा लगता है। इसी कारण जब कोई व्यक्ति किसी कारण से अनाड़ी या अनोखा या अजीब लगता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ है बेमेल चीजों का मिश्रण, बेमेल या सुचारु रूप से न होना अर्थात यदि कोई व्यक्ति अपने पहनावे में या अपने विचारों में कुछ भी उटपटांग करता है तो उसे बेमेल कहा जाता है और इसे आधा तीतर आधा बटेर कहा जाता है।
अर्थात जो काम आधा सही हो और आधा इस प्रकार किया गया हो जैसे कि बिल्कुल मेल नहीं खाता हो, सुचारु रूप से नहीं माना जाता हो, उसे आधा तीतर, आधा बटेर कहा जाता है।
आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Aadha Teetar Aadha Bater Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: आजकल हम न तो पूरी हिंदी बोलते हैं और न ही अंग्रेजी बल्कि दोनों भाषाओं का मिश्रण बोलते हैं, इसे ही कहते है आधा तीतर आधा बटेर।
#2. वाक्य प्रयोग: राजू धोनी की तरह हेलीकॉप्टर शॉट खेलने की कोशिश करता है लेकिन बल्ला हॉकी स्टिक की तरह घुमाता है, आधा तीतर आधा बटेर।
#3. वाक्य प्रयोग: नरेश संगीत पर बहुत बकवास बातें करता है, उसकी बातों में कोई मेल नहीं है, वह बेमेल बातें करता है, इसे कहते हैं आधा तीतर, आधा बटेर।
#4. वाक्य प्रयोग: आज दिलीप कुर्ता और जींस पहने आधा तीतर आधा बटेर लग रहा था।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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