Monthly Archive: August 2020
प्लेटो Plato (427 BC – 347 BC), 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के सबसे महत्वपूर्ण यूनानी दार्शनिकों में से एक थे, वह सुकरात के छात्र और अरस्तू के शिक्षक थे, उन्होंने एथेंस में अकादमी की स्थापना की. प्लेटो को अद्वितीय प्रभाव के दार्शनिक कार्यों के लेखक के रूप में जाना...
René Descartes, 17 वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक, गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे. व्यक्तिगत रूप से और समग्र रूप से, गणित और तत्त्वज्ञान के क्षेत्रों में उनका विशाल योगदान रहा है. उन्होंने वैज्ञानिक क्रांति के दौरान पश्चिमी ज्ञान को आगे बढ़ाने में काफी मदद की. रेने डेस्कर्टेस के अनमोल...
Epicurus एक प्राचीन यूनानी तत्त्वज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति थे जिन्होंने लगभग 307 ई.पू. Epicureanism नामक विद्यालय की स्थापना की, जो की तत्त्वज्ञान का एक अत्यधिक प्रभावशाली विद्यालय था. यह सिखाता है कि सबसे इष्टतम मामूली सुखों की तलाश करना है, जिसमें शांति की स्थिति प्राप्त करना, भय से मुक्ति और...
मदर टेरेसा कैथोलिक नन और महान समाजसेवक थी, उन्हें संत टेरेसा के नाम से भी जाना जाता हैं. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन बीमार और गरीबों की देखभाल के लिए समर्पित कर दिया था. मदर टेरेसा 1929 में भारत आईं और उन्होंने गरीब, बेघर, अनाथ बच्चों और असाध्य बीमारी जैसे एचआईवी...
जैन दर्शन के अनुसार भगवान महावीर जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर थे. जैन धर्मियों के लिए, भगवान महावीर किसी देवता से कम नहीं हैं और उनका तत्त्वज्ञान ही जीवन का उपदेश है. भगवान महावीर का जन्म राजकुमार वर्धमान के रूप में हुआ था, वह राजा सिद्धार्थ और इक्ष्वाकु...
महात्मा गौतम बुद्ध ‘बौद्ध धर्म’ के प्रवर्तक थे, जो की दुनिया के सबसे पुरातन धर्मों में से एक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था, वह शाक्य नरेश शुद्धोधन के सुपुत्र और एक राजकुमार थे. संसार को जरा, मरण और दुखों से मुक्ती दिलाने के...
रबीन्द्रनाथ टैगोर को आमतौर पर एक कवि के रूप में सबसे ज्यादा जाना जाता है, लेकिन वे कई अन्य प्रतिभाओं के भी स्वामी थे. रबीन्द्रनाथ टैगोर लेखक, संगीतकार, दार्शनिक और चित्रकार भी थे. उन्हें ‘गुरुदेव’ के नाम से भी जाना जाता है. टैगोर, भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता...
लाल बहादुर शास्त्री भारत के एक लोकप्रिय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में पद भार संभाला. शास्त्रीजी कद-काठी से एकदम सामान्य व्यक्ति थे लेकिन उनकी प्रतिभा असाधारण थी, वह चट्टान जैसे दृढ़, शेर जैसे निर्भीक और अत्यंत शिस्तप्रिय व्यक्ति थे. शास्त्रीजी के नेतृत्व में ही भारत...
गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, लेकिन पूरे भारत देश में उन्हें आदर से ‘महात्मा गांधी’ या ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी’ के नाम से संबोधित किया जाता हैं. उन्हें रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ‘महात्मा’ के उपाधि से सम्मानित किया गया था, जिसका अर्थ है ‘महान आत्मा’. गांधीजी पेशे से एक...
विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill) एक ब्रिटिश प्रधान मंत्री थे, उनका कार्यकाल द्धितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1940-1945 और फिर 1951-1955 के बीच था. चर्चिल सेना अधिकारी और लेखक भी थे. उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए विशेष रूप से याद किया जाता है. वह अपने...