पालीताना, भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले में स्थित एक शहर है, जो जैन धर्म का एक विशाल तीर्थस्थल भी है. यह भावनगर शहर से 50 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है.
इस शहर में पालिताना नामक जैन मंदिरों का समूह है जो शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी पर बना है. यहां पहाड़ पर 863 जैन मंदिर स्थित हैं, जिनके दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
पहाड़ी पर बने मंदिर मुख्य रूप से 24 तीर्थंकरों को समर्पित है. पहाड़ी की चोटी पर स्थित मुख्य मंदिर प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ (Bhagavan Shree Adinath) को समर्पित है. इसके अलावा कुमारपाल, मिलशाह, समप्रति राज मंदिर भी यहां के प्रमुख मंदिर हैं.
जैन धर्म में पालीताना शत्रुंजय तीर्थ का बहुत महत्व है. जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थों में से एक “शत्रुंजय तीर्थ (Shatrunjay Tirth)” की यात्रा करना प्रत्येक जैन अनुयायी अपना कर्तव्य मानता है.
शत्रुंजय का अर्थ है “आंतरिक शत्रुओं पर विजय का स्थान” या “आंतरिक शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला”.
जैन धर्मियों का मानना है कि निर्वाण या मोक्ष प्राप्त करने के लिए जीवनकाल में एक बार मंदिरों के इस समूह की यात्रा आवश्यक है. यहां पहाड़ की चढ़ाई करीब 4 किमी है.
यहां की पहाड़ियों पर दिगंबर जैनियों का एक ही मंदिर है, बाकी सभी में श्वेतांबर जैनियों के मंदिर हैं.
हिंगराज अंबिकादेवी (हिंगलाज माता (Hinglaj Mata) के रूप में जानी जाती हैं) को पहाड़ी की पीठासीन देवता माना जाता है, जो एक जैन यक्षिणी (परिचर देवता) हैं.
इस प्राचीन और प्रसिद्ध जैन मंदिर के बारे में यह भी माना जाता है कि इस पवित्र स्थल पर 8 करोड़ ऋषि मुनियों ने मोक्ष प्राप्त किया था और जैन धर्म के कई महान तीर्थंकरों ने यहां निर्वाण प्राप्त किया था.
चूंकि मंदिर-नगर परमात्मा के निवास के लिए बनाया गया था, इसलिए सूर्यास्त के बाद किसी भी व्यक्ति को पहाड़ी की चोटी पर रहने की अनुमति नहीं है.
भारत का शाकाहारी शहर – Vegetarian city of India
पालिताना शहर कानूनी तौर पर पूर्णतः शाकाहारी शहर है. भारत का यह पहाड़ी शहर पलिताना दुनिया का पहला शाकाहारी शहर (World’s first vegetarian city) है. यहां अंडे और मांस की बिक्री के साथ-साथ जानवरों के काटने पर भी प्रतिबंध है.
पालिताना जैन मंदिर का इतिहास – Palitana Temple History in Hindi
पालीताना शहर को पहले पद्लिप्तापुर (Padliptapur) के नाम से जाना जाता था और इसे “मंदिरों का शहर (City of Temples)” भी कहा जाता है.
पालीताना जैन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और बारहवीं शताब्दी में किया गया था.
पालीताना का मुख्य और सबसे सुंदर मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (Bhagwan Rishabhdev) को समर्पित है.
पहाड़ी पर अन्य मंदिरों का निर्माण 900 वर्षों की अवधि में जैनियों की विभिन्न पीढ़ियों द्वारा किया गया है.
1311 ईस्वी में तुर्की मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था, बाद में संत जिनप्रभा सूरी (Jinaprabha Suri) ने मंदिरों की अध्यक्षता की और दो साल बाद पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ.
ऐसा कहा जाता है कि भगवान नेमिनाथ (Bhagavan Neminath) को छोड़कर 24 जैन तीर्थंकरों में से 23 तीर्थंकरों ने अपनी यात्रा के माध्यम से इस पहाड़ी को पवित्र किया है.
पालिताना जैन मंदिर की वास्तुकला – Architecture of Palitana Jain Temple
पहाड़ियों पर लगभग 863 संगमरमर के नक्काशीदार मंदिर हैं जो ज्यादातर नौ के समूह में फैले हुए हैं, कुछ विशाल मंदिर परिसर हैं, जबकि अधिकांश मंदिर आकार में छोटे हैं.
11वीं शताब्दी में निर्मित, सफेद संगमरमर से बने इन मंदिरों की नक्काशी और मूर्तियां पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं.
इन मंदिरों पर बने संगमरमर के शिखर सूर्य की रोशनी में चमकते हुये एक अद्भुत छठा प्रकट करते हैं तथा माणिक मोती के समान आभास प्रदर्शित करते हैं.
पालीताना के मंदिरों की सुंदरता और नक्काशी का काम बहुत ही उत्तम दर्जे का है. उनकी अद्भुत कारीगरी बिल्कुल जीवंत दिखती है.
मुख्य मंदिर पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ (Bhagavan Rishabhanatha) को समर्पित है; यह श्वेतांबर मूर्तिपूजक संप्रदाय का सबसे पवित्र मंदिर है. मुख्य मंदिर तक 3500 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जाता है.
1618 ईस्वी में बनाया गया चौमुखा मंदिर (Chaumukha Temple) इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है. पालीताना में बहुमूल्य मूर्तियों आदि का भी अच्छा संग्रह है.
FAQ
Q: पालिताना जैन मंदिर कहां स्थित है?
Ans: पालीताना, भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले में स्थित है. यह भावनगर शहर से 50 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है.
Q: पालीताना में कितने जैन मंदिर है?
Ans: यहां पहाड़ पर 863 जैन मंदिर स्थित हैं.
Q: पालीताना पहाड़ी में कितनी सीढ़ियां हैं?
Ans: पालीताना पहाड़ी में लगभग 3500 सीढ़ियां हैं.
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